कोटा। तलवंडी जैन मंदिर परिसर में बुधवार को दो दिगंबर जैन मुनि संघों का ऐतिहासिक मंगल मिलन सम्पन्न हुआ। महावीर दिगंबर जैन मंदिर समिति के महामंत्री प्रकाश सामरिया ने बताया कि आचार्य विनिश्चय सागर महाराज ससंघ का महावीर नगर प्रथम से तलवंडी तक विहार कराया गया, जहां आचार्य जयकीर्ति महाराज के ससंघ के साथ भावपूर्ण मिलन का सौभाग्य सकल तलवंडी जैन समाज को प्राप्त हुआ।
महामंत्री प्रकाश सामरिया ने बताया कि आचार्य संघ के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का अवसर श्रेष्ठि जे.के. जैन, पुष्पा जैन एवं निकुंज जैन को प्राप्त हुआ। प्रवचन के दौरान मुनि श्री जयकीर्ति ने जैन रामायण की प्रमुख घटनाओं व तत्वज्ञान का उल्लेख करते हुए आगामी दिनों में रामपुरा में आयोजित होने वाली 10 दिवसीय रामकथा के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
आचार्य विनिश्चय सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य जीवन भर ‘करिष्यामि-करिष्यामि’ (मैं करूंगा) कहता रहता है, परंतु ‘मरिष्यामि’ (मुझे भी मरना है) नहीं सोचता। यदि क्षणभर के लिए भी मृत्यु का स्मरण हो जाए, तो मनुष्य इस अनमोल शरीर को शुभ कर्मों में लगाकर वर्तमान व भविष्य दोनों भवों का कल्याण कर सकता है। उन्होंने कहा कि सत्कर्म जीवन को स्वर्गिक दिशा देते हैं, अन्यथा पतन तो निश्चित है।
धर्मसभा में मंदिर समिति अध्यक्ष अशोक पहाड़िया, सकल समाज के सरंक्षक विमल नांता व विनोद टोरड़ी,वरिष्ठ सदस्य विमल जैन, सुरेश हरसोरा सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे। प्रचार मंत्री राजू लुहाड़िया ने बताया कि संघ का प्रवास तलवंडी में रहेगा तथा सायंकाल में शंका समाधान व आनंद यात्रा का आयोजन होगा।

