170 kmph वाली ‘ट्रेन 18’ और ‘ट्रेन 20’, शताब्दी और राजधानी को करेंगी रिप्लेस
चेन्नई/ नई दिल्ली। रेलवे जल्द ही दो नई हाई स्पीड ट्रेन लाने जा रही है। इनका नाम ‘ट्रेन 18’ और ‘ट्रेन 20’ होगा। हालांकि, इनमें से सिर्फ ‘ट्रेन 18’ ही इस साल पटरी पर उतारी जाएगी। इन दोनों को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई में डेवलप किया जा रहा है। ये देश की अब तक की सबसे हाई स्पीड वाली ट्रेनें होंगी।
कहां तैयार हो रही हैं ये नई ट्रेन
– ‘ट्रेन 18’ और ‘ट्रेन 20’ को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई में डेवलप किया जा रहा है। अगस्त तक दो ‘ट्रेन 18’ पटरी पर दौड़ने लगेंगी।
– यह ट्रेन पूरी तरह स्टील की बनी होगी। इसकी बॉडी पूरी तरह कंपनमुक्त होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए रेल मंत्रालय 120 करोड़ रुपए जारी कर चुका है।
शताब्दी को ट्रेन 18, राजधानी को ट्रेन 20 करेगी रिप्लेस
– आईसीएफ के जीएम सुधांशु मणि ने बताया कि ‘ट्रेन 18’ शताब्दी को और ‘ट्रेन 20’ राजधानी को स्टेपवाइज रिप्लेस करेंगी। एक ट्रेन को 2018 में लॉन्च किया जाएगा। इसी वजह से इसे ‘ट्रेन 18’ नाम दिया गया है, जबकि ट्रेन 20 को 2020 तक लाने की प्लानिंग है।
स्पीड में सबसे तेज होगी?
-मणि ने बताया कि ट्रायल रन के दौरान इसकी स्पीड 176 किलोमीटर/घंटा रही। हालांकि, पटरी पर यह 170 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ेगी। अभी तक स्पीडमान एक्सप्रेस सबसे तेज ट्रेन है, जिसकी स्पीड 160 है।
आगे-पीछे दोनों ओर चलेगी
– आईएफएस के चीफ इंजीनियर (डिजाइन) श्री निवास ने बताया कि हर ट्रेन में 6 मोटर कोच (इंजन) होंगे। इस कारण इस ट्रेन को मेट्रो की तर्ज पर एक ही प्लेटफॉर्म से आगे या पीछे चलाया जा सकेगा।
कितना खर्च आएगा?
– एक कोच को बनाने का खर्च : ट्रेन 18 पर प्रति कोच 2.50 करोड़ और ट्रेन 20 पर प्रति कोच 5.50 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
– ट्रेन में कुल कोच : आईएफएस के चीफ इंजीनियर डीजाइन एसपी वावरे ने बताया कि एक ट्रेन 12 और एक 8 कोच वाली होगी। बाकी तैयार कोच इमरजेंसी के लिए तैयार होंगे।
ये भी खासियतें
-ट्रेन में टीवी स्क्रीन पर जीपीएस की मदद से पता चलेगा कि ट्रेन कहां है।
-कोच की बाहरी बॉडी स्टील और अंदर फाइबर की बनी होगी। इसमें आंखों को न चुभने वाली डीफ्यूज लाइट का इस्तेमाल किया गया है।