कोटा/ कनवास। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर मंगलवार को कनवास क्षेत्र में पहुंचे। जहां उन्होंने सारोला, मांडूहेड़ा, आजादपुरा, पानाहेड़ा, मामोर, मामोर की झोपड़ियां, कलमंडी, सालोनिया, टोल्या, टोस्या, लोढाहेड़ा, गंगापुर, गुंजारा, सामरिया, सिमलिया, कनवास आदि गांव में चौपाल लगाकर जनसंवाद किया। इस दौरान ग्रामीणों ने सड़क, नाली और स्कूलों से संबंधित विभिन्न समस्याएं बताई। जिन्हें अधिकारियों को बुलाकर मौके पर ही विस्तारित कराया गया।
इस दौरान मामोर की झोपड़िया में ग्रामीणों ने शिक्षकों के महीना तक भी स्कूल नहीं आने की शिकायत की। जिस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नगर में तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी को फोन कर क्षेत्र के सभी स्कूलों से शिक्षकों के डेपुटेशन रद्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी शिक्षकों को उनके नियुक्ति स्थल पर भेजा जाए। उन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और जिला कलेक्टर को भी पत्र भेजने के लिए कहा।
जनसंवाद के दौरान ग्रामीणों ने सरोला में नाले की दीवार टूटने और पानी खेतों में भरने की समस्या बताई। जिस पर मंत्री नागर ने जिला परिषद के सीईओ को फोन कर गुणवत्ताहीन दीवार बनाने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को बुलाकर निर्देशित किया इस प्रकार के कार्य नरेगा के बजाए टेंडर द्वारा ही कराए जाएं।
इस दौरान मांडूहेड़ा और पानाहेड़ा में स्कूलों के जर्जर होने की बात सामने आई। जिस पर मंत्री हीरालाल नागर स्वयं स्कूलों में निरीक्षण करने पहुंचे। पाना खेड़ा स्कूल में 2008 में निर्माण होने के बाद अभी कुछ दिनों पूर्व रिपेयरिंग कराई गई थी। इसके बावजूद वहां पर फर्श उखड़ा हुआ था। दीवारों में सीलन आ रही थी। कक्षा कक्ष बैठने लायक नहीं थे।
मंत्री हीरालाल नागर ने एडीपीसी आदित्य विजय को फोन कर जर्जर स्कूलों की सूची बनाने के निर्देश दिए। मंत्री नगर कहा कि 2008 में घटिया निर्माण करने वाले अधिकारी और ठेकेदार कौन थे? संपूर्ण निर्माण के जांच कराई जाए।
फिर उसी ठेकेदार को कैसे रिपेयरिंग का ठेका दे दिया गया? इसकी भी जांच होनी चाहिए। इस प्रकार की प्रवृत्ति पर रोक लगाना बहुत जरूरी है। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखने के लिए भी कहा। मांडूहेड़ा गांव में नालियों की बदहाल स्थिति और कीचड़ देखकर नाराजगी प्रकट की।

