908 टन लोडेड स्थिति में ट्रायल के बाद अब 800 टन एम्प्टी रेक पर हुआ उच्च गति परीक्षण
कोटा। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण–2, 16 कोच, एम्प्टी सीरीज़) का उच्च गति परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह परीक्षण अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ की परीक्षण निदेशालय टीम द्वारा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड तथा फेवली इंडिया प्रा. लि. के तकनीकी विशेषज्ञों की उपस्थिति में किया गया।
यह परीक्षण रोहलखुर्द–इंद्रगढ़–कोटा खंड पर दो ट्रिप में संचालित हुआ, जिसमें कुल 100 किलोमीटर की दूरी तय की गई। इस दौरान ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की और ऑसिलेशन टेस्ट तथा लॉन्ग कंफर्मेटरी रन (एलसीआर) जैसे महत्वपूर्ण तकनीकी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए गए। इनका उद्देश्य उच्च गति पर ट्रेन की स्थिरता, सुरक्षा, ब्रेकिंग दक्षता और सवारी आराम का वैज्ञानिक मूल्यांकन करना था।
पूर्व में इस ट्रेन का समान परीक्षण 908 टन के लोडेड कंडीशन में किया गया था, जबकि इस बार परीक्षण 800 टन के एम्प्टी रेक (खाली लोड कंडीशन) में दोहराया गया। इसका उद्देश्य दोनों स्थितियों में ट्रेन के प्रदर्शन का तुलनात्मक अध्ययन करना था ताकि विभिन्न परिचालन परिस्थितियों में ट्रेन की संरचनात्मक और यांत्रिक स्थिरता का वैज्ञानिक सत्यापन सुनिश्चित किया जा सके।
इस परीक्षण में आरडीएसओ लखनऊ के निदेशक टीम के साथ-साथ मुख्य लोको निरीक्षक आर.एन. मीणा, यातायात निरीक्षक सुशील जैठवानी, लोको पायलट अनिल भारद्वाज, को-लोको पायलट राकेश सकारवाल तथा ट्रेन मैनेजर हरि मोहन मीणा सहित तकनीकी विशेषज्ञों की सक्रिय उपस्थिति रही।
वंदे भारत स्लीपर रेक अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से निर्मित है, जिसमें उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, कम शोर वाला एयरोडायनामिक ढांचा और संशोधित बोगी डिज़ाइन शामिल हैं। ये विशेषताएँ उच्च गति पर भी बेहतर स्थिरता और यात्रियों को उत्कृष्ट सवारी अनुभव प्रदान करती हैं। यह उपलब्धि भारतीय रेल की तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में एक और सशक्त कदम है, जो “मेक इन इंडिया” पहल की सफलता को सशक्त रूप में प्रस्तुत करती है।

