151वां सिद्धचक्र महामंडल विधान सहस्त्रनाम अभिषेक एवं शांतिधारा के साथ सम्पन्न

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कोटा। रिद्धि-सिद्धि नगर में आयोजित 151 मण्डलीय श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ बुधवार को संपन्न हुआ। अंतिम दिवस पर प्रातः 6 बजे भगवान जिनेन्द्र का सहस्त्रनाम अभिषेक एवं शांतिधारा संपन्न की गई। विश्व में शांति और सद्भावना की कामना से विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन भी किया गया।

मंदिर अध्यक्ष राजेंद्र गोधा ने बताया कि समापन समारोह के अवसर पर समाज रत्न की उपाधि से पदम बडला,प्रकाशचंद मेहरूवाला व मनोज जैन जैसवाल को “दानवीर” की उपाधि तथा अशोक सांवला को वीरशिरोमणी की उपाधि से अलंकृत कर सम्मानित किया गया।

ताराचंद बडला ने बताया कि श्रीजी को समोशरण से रथ पर विराजमान कर नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बीस बग्गियाँ और चार बैंड दल शामिल रहे। सौधर्म इन्द्र परिवार गजराज पर सवार होकर शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण बना। कुबेर, ईशान इन्द्र, माहेन्द्र, सानत्कुमार इन्द्र, चक्रवर्ती श्रीपाल–मैनासुंदरी सहित सभी विशेष पात्रों के परिवार पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर यात्रा में सम्मिलित हुए।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए गुरु माँ विनयश्री माताजी ने कहा कि यह आयोजन रिद्धि-सिद्धि नगर के मूलनायक भगवान चंद्रप्रभु की अनुकम्पा से सानंद संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि गुरु सेवा संघ के सभी कार्यकर्ताओं ने समर्पण और निष्ठा से इस विधान को सफल बनाया है। यदि युवाओं में ऐसी लगन और श्रद्धा बनी रहेगी तो भगवान महावीर स्वामी का शासन युगों-युगों तक जयवंत रहेगा और जैन ध्वजा सदा फहराती रहेगी।