बालिका स्कूल के नवीन कक्षा कक्ष की दीवार पर हाथ लगाया तो झड़ने लगा प्लास्टर

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मंत्री नागर ने जेईएन को को बुलाकर कहा, भ्रष्टाचार करोगे तो बचोगे नहीं

कोटा/ दीगोद। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर मंगलवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय दीगोद में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने बालिकाओं से शिक्षा के बारे में बात की। वहीं अध्यापिकाओं से भी चर्चा की। इस दौरान नवनिर्मित कक्षा कक्ष में जाकर दीवार को हाथ लगाया तो दीवार से प्लास्टर झड़ने लगा। ऐसे में, ऊर्जा मंत्री नागर ने अधिकारियों को बुलाकर उसकी जांच के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि विद्यालय में समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत 3 महीने पूर्व ही नवीन कक्षा कक्षों का निर्माण किया गया था। लेकिन घटिया गुणवत्ता के चलते दीवारों से प्लास्टर झड़ रहा था। इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने नाराजगी प्रकट करते हुए अधिकारियों को बुलाया। उन्होंने जेईएन को बुलाकर जानकारी ली।

मंत्री नागर ने जूनियर इंजीनियर को कहा कि कक्षा कक्ष का निर्माण पूरा हो गया। घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करते हुए कार्य की गुणवत्ता कमजोर होने के बावजूद स्कूल प्रशासन को हैंड ओवर कर दिया गया। निर्माण कार्य के दौरान कोई मॉनिटरिंग नहीं हुई। उपखंड अधिकारी ने कहा कि अभियंता लीपापोती कर रहे हैं तो मंत्री नागर ने अभियंताओं को स्पष्ट कहा कि भ्रष्टाचार करोगे तो बचोगे नहीं।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि स्कूलों में निर्माण कार्य की जांच के लिए ऐसा स्वरूप विकसित करेंगे, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता की उचित जांच हो सके। वर्तमान में भी जेईएन, एईएन, एक्सईएन, एसई, एडिशनल चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारी होते हैं। लैबोरेट्री होती है, मापदंड भी निश्चित है। जांच करने के बाद सर्टिफिकेट जारी होता है। विजिलेंस टीम भी होती है।

थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन होता है। सभी कुछ होता है, लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की संवेदनाएं मर चुकी हैं। देश के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ करे तो इसको राजस्थान सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। जांच का बेहतर ढांचा विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी बात की है। उचित समय पर सरकार द्वारा उचित निर्णय लिया जाएगा।

फर्म को ब्लैकलिस्टेड करने की सिफारिश
स्कूल के निर्माण कार्य को लेकर पूर्व में एसडीएम ने भी औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने घटिया निर्माण को लेकर समसा को पत्र लिखा। उन्होंने कारण बताओं नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण चाहा था। वहीं जिला स्तरीय सक्षम कमेटी द्वारा संवेदक द्वारा अनुबंध की शर्तों के विपरीत कार्य करने की बात कही गई थी। साथ ही, मेसर्स साबरी कंस्ट्रक्शन को ब्लैकलिस्टेड करने की भी सिफारिश की गई थी। इसके बावजूद अधिकारियों ने लीपापोती करते हुए नवीन कक्षा कक्षों को स्कूल को हैंड ओवर कर दिया।