कोटा। वर्षायोग 2025 के अंतर्गत बुधवार सुबह 5:30 बजे विभाश्री माताजी संघ सहित प्रज्ञालोक पहुंचीं, जहां आचार्य प्रज्ञासागर महाराज के दर्शन किए। इसके पश्चात मुख्य कलश स्थापना का कार्यक्रम मनोज जैन निवास पर संपन्न हुआ।
धर्मसभा में गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी ने अपने प्रवचन में कहा कि त्याग, तप और अहिंसा का मार्ग ही जीवन का सच्चा आभूषण है। जिसने आत्मा को पहचान लिया, उसने जीवन का सार पा लिया।
माताजी ने भगवान महावीर के उपदेशों को आत्म-संयम, सहनशीलता और करुणा का प्रतीक बताते हुए कहा कि यदि मनुष्य सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चले तो समाज में शांति और सद्भाव स्वतः स्थापित होगा। उन्होंने क्रोध, लोभ और मोह को मानव जीवन के पतन का कारण बताते हुए इनसे दूर रहने का संदेश दिया।
महोत्सव के तहत प्रातःकालीन आराधना, आरती और निर्वाण लाडू अर्पण के साथ श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर की पूजा-अर्चना की। सायंकालीन सत्र में भक्ति गीतों, मंगल कलश स्थापना और सामूहिक आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
महामंत्री अनिल ठोरा ने बताया कि पूज्य माताजी ससंघ का 23 अक्टूबर, गुरुवार को प्रातः 5:30 बजे विज्ञान नगर जैन मंदिर से रिद्धि-सिद्धि नगर जैन मंदिर तक भव्य मंगलविहार आयोजित होगा।

