जयपुर में मिल रही दुनिया की सबसे महंगी मिठाई, कीमत जानकर चौक जाएंगे आप

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नई दिल्ली। इस दिवाली पर राजस्थान के जयपुर में बनी एक नई मिठाई सुर्खियों में है। इसे देश की सबसे शानदार और महंगी मिठाई बताया जा रहा है। जयपुर के स्वर्ण प्रसादम की कीमत 1.11 लाख रुपए प्रति किलो बताई जा रही है।

पिछली दिवाली पर भी जयपुर ने एक खास मिठाई पेश की थी, जिसकी कीमत 70000 रुपए किलो थी। इस मिठाई का शाब्दिक अर्थ है ‘सोने से बना एक भक्तिपूर्ण प्रसाद’। यह 24 कैरेट शुद्ध सोने से तैयार की जाती है।

समाचार एजेंसी के अनुसार, इस मिठाई को न केवल प्रीमियम, बल्कि एक स्वास्थ्यवर्धक त्योहारी प्रसाद के रूप में भी बेचा जाता है। यह विशिष्ट मिठाई प्लास्टिक के कपों में परोसी जा रही है, जिन पर शुद्ध सोना चढ़ा हुआ है और ऊपर से चांदी की पन्नी। इसमें केसर के बारीक रेशे, कटे हुए बादाम, पाइन नट्स और अन्य सूखे मेवे डाले गए हैं।

पिछली दिवाली पर भी जयपुर ने एक खास मिठाई पेश की थी। सोने और चांदी की राख से तैयार ‘स्वर्ण भस्म पाक’ नाम की इस मिठाई को भारत का सबसे महंगा और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता था। इस मिठाई की कीमत 70000 रुपए प्रति किलो थी। यह मिठाई सोने और चांदी को जलाने से मिली राख से बनाई गई थी।

स्वर्ण प्रसादम की तरह इस मिठाई पर भी सोने की पन्नी, इंपोर्टेड बादाम, केसर के रेशे, पाइन नट्स और अन्य सूखे मेवों की महंगी सजावट की गई थी। स्वर्ण भस्म पाक को इसकी भारी कीमत के अनुरूप आभूषित डिब्बों में पैक किया गया था।

पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि इस साल राजस्थान के देवस्थान विभाग के अंतर्गत आने वाले मंदिरों को भी विशेष रूप से सजाया जाएगा। पंच पर्व दिवाली समारोह के हिस्से के रूप में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की मेजबानी की जाएगी। शहर रोशनी के त्योहार के लिए तैयार हो रहा है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विभाग को मंदिरों में विशेष उत्सव आयोजित करने और राज्य भर के सार्वजनिक स्थलों पर रोशनी की व्यवस्था और सजावट करने के निर्देश दिए। समारोहों से पहले सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों का भी सौंदर्यीकरण और रोशनी की जाएगी। उत्सव के दौरान राज्य भर के मंदिरों में रंगोली प्रतियोगिताएं, भव्य आरती, भक्ति संध्याएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाभोग (विशेष प्रसाद) का वितरण होगा।

सीएम शर्मा ने यह भी घोषणा की कि उत्सव के दौरान सभी सरकारी स्कूलों में मरम्मत कार्य किया जाएगा और शहरी स्थानीय निकायों में पुरानी स्ट्रीट लाइटों की जगह लगभग दो लाख नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी।