भजन संध्या: कर्पूरगौरं करुणावतारं सदा वसंतं हृदयार्विंदे…गूंजा हर हर शम्भू

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भजन गायिका अभिलिप्सा पंडा ने विजयश्री रंगमंच से बहाई धर्म की सरिता

कोटा। मेला दशहरा में गुरुवार को हर हर शम्भू गूंज उठा। प्रख्यात भजन गायिका अभिलिप्सा पंडा ने विजयश्री रंगमंच से एक से बढ़कर एक भजनों की ऐसी प्रस्तुति दी कि चांदनी रात में आध्यात्म की सरिता बह निकली। अभिलिप्सा ने मंच पर आते ही सभी वाद्य यंत्रों को प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने पार्वती पतये बोला तो मेला प्रांगण में हर हर महादेव का जय घोष गूंज उठा।

इससे पहले मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी, पूर्व विधायक चंद्रकांता मेघवाल, गोदावरी धाम के महंत शैलेंद्र भार्गव, अतिरिक्त मेला अधिकारी महेशचंद्र गोयल, मेला प्रभारी सत्यनारायण राठौर, मुख्य लेखाधिकारी धीरज सोनी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास, समिति सदस्य विजयलक्ष्मी प्रजापति ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

भजन संध्या की शुरुआत करते हुए अभिलिप्सा ने सर्वप्रथम तू क्या भोले को चढ़ाएगा.. भोला सबको देता है.. से की। इसके बाद उन्होंने अपना ही सुपर हिट भजन “कर्पूरगौरं करुणावतारं सदा वसंतं हृदयार्विंदे…” गाया तो श्रोताओं की ओर से वंस मोर की आवाजें आने लगी। श्रोताओं ने टॉर्च की लाइट जलाकर पंडा का स्वागत किया।

भजन संध्या के दौरान कईं बार यही भजन गाने की मांगें उठती रही। तब अभिलिप्सा ने कहा, सबको पंजाबी ढोल पर साथ में नाचना पड़ेगा। फिर तो पंडाल में हर कोई थिरकता हुआ नजर आया। उन्होंने स्टूडेंट्स को संदेश देते हुए ” छोड़ दे चिंता..” गाई। उन्होंने कहा कि कोटा शिक्षा की काशी है। इसके बाद नाम तेरा भोला../ भोलेनाथ जी.. की प्रस्तुति दी तो तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देने लगी।

इसके बाद पंडा ने महादेव को समर्पित “तेरा रुप है प्रचंड, तू ही आरंभ तू ही अंत…” के साथ मंत्र ओम त्र्यंबकम् यजामहे… की जबरदस्त प्रस्तुति दी तो हर हर महादेव का जयघोष गूंज उठा। उन्होंने “शम्भू शम्भू कहती है मेरी ये ज़ुबाँ, भोले तेरा नाम मेरी सांसों में बसा…” सुनाया तो युवा झूमने पर मजबूर हो गए।

पगड़ी पहनकर दी प्रस्तुति
अभीलिप्सा पंडा को मंच पर आते ही पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद अभिलिप्सा पंडा ने कहा कि मैं इस पगड़ी को अब उतारने वाली नहीं हूं और इसको पहन कर ही प्रस्तुतियां दूंगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार आई थी तब कोटा वालों ने मुझे गदा भेंट की थी। जिसकी मैं हर विजयदशमी पर पूजा करती हूं।