टाटा ग्रुप का 15511 करोड़ का आईपीओ खुला, जानें निवेशक सब्सक्राइब करें या नहीं?

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नई दिल्ली। Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल आईपीओ का इंतजार कर रहे निवेशकों के लिए बड़ी खबर है। कंपनी का 15,511 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्राइब करने के लिए सोमवार (6 अक्टूबर) से खुल गया है। इश्यू के लिए प्राइस बैंड 310 से 326 रुपये प्रति शेयर तय किया है।

आईपीओ अप्लाई करने के लिए 6 अक्टूबर को खुलेगा और निवेशक 8 अक्टूबर तक आईपीओ के लिए कर सकेंगे। टाटा कैपिटल आईपीओ का लॉट साइज 46 इक्विटी शेयर है यानी हर एक लॉट में 46 शेयर होंगे।

ओपन होने से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से 4,642 करोड़ रुपये जुटा लिए। सरकारी बीमा दिग्गज लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) सबसे बड़े भागीदार के रूप में उभरी। इसने अलॉटमेंट का 15.08 प्रतिशत हासिल किया, जो 700 करोड़ रुपये के निवेश के बराबर है।

एंकर बुक में अन्य संस्थागत निवेशकों की भी मजबूत भागीदारी रही। इनमें ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, निप्पोन इंडिया एमएफ, मोतीलाल ओसवाल एमएफ, अमांसा होल्डिंग्स और गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल शामिल हैं।

आईपीओ का 50 फीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए रिजर्व है। कम से कम 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों (NII) के लिए और कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए 12 लाख इक्विटी शेयरों का रिजर्व रखा गया है।

टाटा कैपिटल आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 9 अक्टूबर को फाइनल रूप से तय किया जा सकता है। कंपनी 10 अक्टूबर को रिफंड प्रोसेस शुरू करेगी। टाटा कैपिटल के शेयर सोमवार, 13 अक्टूबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकते हैं।

Tata Capital IPO GMP
टाटा कैपिटल आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में हलचल देखने को मिल रही है। ग्रे मार्केट पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार, टाटा कैपिटल आईपीओ के नॉन-लिस्टेड शेयर 6 अक्टूबर को 326 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। यह आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एंड 326 रुपये के मुकाबले 7.5 रुपये या 2.30 प्रतिशत के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) को दर्शाता है।

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) एक अनौपचारिक रकम होती है। यह वह राशि है जो निवेशक आईपीओ के इश्यू प्राइस से ज्यादा देने को तैयार रहते हैं। यह सौदा तब होता है जब शेयर बाजार में लिस्ट नहीं हुए होते। जीएमपी से बाजार की रुचि और मांग का अंदाजा लगता है। अगर जीएमपी ज्यादा हो, तो मतलब निवेशक उत्साहित हैं। इससे लिस्टिंग के दिन मुनाफा मिलने की उम्मीद बढ़ती है। अगर जीएमपी कम या निगेटिव हो, तो यह निवेश में कम रुचि दिखाता है।