पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ UN में गिड़गिड़ाए, सिंधु संधि पर भी रोए

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत से बातचीत को लेकर गिड़गिड़ाते नजर आए। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा कि उनका देश सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ समग्र, व्यापक और परिणामोन्मुखी बातचीत के लिए तैयार है।

शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान बातचीत और कूटनीति के जरिए विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास करता है। वहीं, सिंधु जल समझौते को लेकर भी अपना रोना-रोते नजर आए।पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर के राष्ट्रों की इस प्रतिष्ठित सभा के समक्ष यह मेरा सबसे ईमानदार और गंभीर प्रस्ताव है।

पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ एक समग्र, व्यापक और परिणामोन्मुखी वार्ता के लिए तैयार है। यह समग्र वार्ता 2003 में शुरू हुई थी जब जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे। इसके आठ खंड थे, जिनमें दोनों देशों के बीच के सभी विवादास्पद मुद्दे शामिल थे। 2008 के मुंबई हमलों के बाद यह वार्ता पटरी से उतर गई और फिर बहाल नहीं हो पाई।

सिंधु जल समझौता रोकने पर छलका दर्द
पाकिस्तानी नेता ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे लिए, इस सिंधु संधि का कोई भी उल्लंघन युद्ध की कार्रवाई है। जैसा कि पाकिस्तान हर साल करता है, शरीफ ने अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के लोग कश्मीर के लोगों के साथ खड़े हैं और संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में निष्पक्ष जनमत संग्रह के माध्यम से कश्मीर को आत्मनिर्णय का मौलिक अधिकार प्राप्त होगा। गाजा को लेकर उन्होंने कहा कि फलस्तीनी जनता की दुर्दशा हमारे समय की सबसे हृदयविदारक त्रासदियों में से एक है।