धर्मभावना के साथ जीवन जीने वाला व्यक्ति ही परमात्मा की कृपा का अधिकारी
कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में कल्पद्रुम महामंडल विधान का ऐतिहासिक आयोजन 23 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक होगा।
कार्याध्यक्ष मनोज जैसवाल ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 6 बजे अभिषेक एवं शांतिधारा, 8 बजे घटयात्रा (ड्रेस कोड पीली साड़ी), 9 बजे मंडप उद्घाटन एवं मंडप शुद्धि तथा प्रातः 10:21 बजे ध्वजारोहण, हल्दी एवं मंगल प्रवचन आयोजित होंगे। दोपहर 1 बजे मेहंदी (ड्रेस कोड हरा परिधान), सायं 6 बजे गुरु भक्ति एवं 7 बजे मंगल आरती का आयोजन होगा।
अपने मंगल प्रवचन में विभाश्री माताजी ने जीवन के गूढ़ सत्य और मानवीय कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संसार अस्थायी है। यहाँ सुख-दुःख क्षणभंगुर हैं और अंततः सब नाशवान है। माताजी ने कहा जो व्यक्ति धर्मभावना के साथ जीवन जीता है, वही परमात्मा की कृपा का अधिकारी बनता है।
उन्होंने समझाया कि मनुष्य का अंतिम लक्ष्य आत्मकल्याण होना चाहिए। संसारिक मोह-माया में फँसकर व्यक्ति धर्म से विमुख हो जाता है, लेकिन जिसने नियमपूर्वक भक्ति, जप और साधना को जीवन में स्थान दिया, वह मृत्यु के समय भी शांत और निर्भय रहता है।

