नई दिल्ली। केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के अंतर्गत मिलर्स- प्रोसेसर्स को बेचने के लिए 30 लाख टन गेहूं का कोटा आवंटित किया है
और इसकी नीलामी बिक्री करने की तिथि का निर्धारण करने का दायित्व भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पर छोड़ दिया है। ध्यान देने की बात है कि आइग्रेन इंडिया पहले ही इस आशय की खबर दे चुका था कि शीघ्र ही 30 लाख टन गेहूं का स्टॉक ओएमएसएस के लिए आवंटित हो सकता है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि उच्च स्तरीय मंत्री समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया है और अब भारतीय खाद्य निगम को निर्धारित करना है कि गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया कब से आरंभ की जाए।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ विचार-विमर्श करके खाद्य निगम नीलामी की तिथि निर्धारित करेगा। इस 30 लाख टन गेहूं की बिक्री के लिए अंतिम तिथि 30 जून 2026 तक नियत की गई है
ओएमएसएस में बिक्री आरंभ होने पर गेहूं के थोक मंडी भाव पर कुछ असर पड़ सकता है क्योंकि फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स की सक्रियता वहां घट सकती है।
सरकार ओएमएसएस वाले गेहूं के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य जुलाई में ही निर्धारित कर चुकी है। सरकार के पास करीब 50-60 लाख टन गेहूं का अधिशेष स्टॉक रहने की संभावना है जिसमें से पहले चरण के दौरान 30 लाख टन का कोटा आवंटित किया गया है। यदि इसकी बिक्री हो जाती है तो आगे और कोटा आवंटित किया जा सकता है।
दशहरा-दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारों के साथ अक्सर गेहूं उत्पादों की मांग एवं कीमत बढ़ जाती है और इसके बाद दिसम्बर से मार्च तक आपूर्ति का ऑफ सीजन रहता है इसलिए इस समय सरकारी गेहूं घरेलू बाजार भाव को स्थिर रखने में सहायक साबित हो सकता है।

