नई दिल्ली। GST 2.0: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। इसे जीएसटी 2.0 नाम दिया गया है। नई जीएसटी सिस्टम में टैक्स स्ट्रक्चर को और आसान बनाने के लिए केवल दो ही स्लैब रखे गए हैं। जहां एक तरफ अब रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर टैक्स कम होगा। वहीं, दूसरी तरफ अब नुकसानदायक और विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स को बढ़ा दिया गया है।
अब से सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्लेवर वाले पेय पर लगने वाला जीएसटी 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1,200 सीसी से बड़ी पेट्रोल और 1,500 सीसी से बड़ी डीजल कारों पर 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा। बता दें कि यह नया सिस्टम 22 सितंबर 2025 से लागू होगा।
22 सितंबर से क्या होगा सस्ता?
- दूध और ब्रेड : अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध और इंडियन ब्रेड पर अब 5% टैक्स नहीं लगेगा.
- डेयरी प्रोडक्ट्स : कंडेंस्ड मिल्क, मक्खन, घी, पनीर आदि पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है.
- निजी इस्तेमाल की चीजें : हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश और शेविंग क्रीम पर टैक्स 18% से घटकर सिर्फ 5% होगा.
- ड्राई फ्रूट्स : बादाम, काजू, पिस्ता, हेजलनट और खजूर पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है.
- बच्चों और घर की जरूरत की चीजें : बर्तन, फ़ीडिंग बोतल, बच्चों के नैपकिन और डायपर, सिलाई मशीन व उसके पार्ट्स पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है.
- मीठी चीजें : रिफाइंड शुगर, सिरप, टॉफी और कैंडी पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा.
- खाने का सामान : वेजिटेबल ऑयल, जानवरों की चर्बी, स्प्रेड्स, सॉसेज, मांस और मछली के प्रोडक्ट्स, माल्ट एक्सट्रेक्ट से बनी चीजें – इन सब पर अब 5% टैक्स लगेगा.
- नमकीन और स्नैक्स : नमकीन, भुजिया, मिक्सचर और रेडी-टू-ईट स्नैक्स पर टैक्स 12% से घटाकर 5% होगा.
- पानी : मिनरल वाटर, एरेटेड वाटर और पैक्ड वाटर (जिसमें चीनी या फ्लेवर न हो) पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा.
इन वस्तुओं पर 40% जीएसटी लगेगा
बता दें कि अधिक टैक्स स्लैब (40%) बनाया गया है, जिसे लग्जरी और सिन् गुड्स (Luxury & Sin Goods) पर लागू किया जाएगा। जिन वस्तुओं पर 40% जीएसटी लगेगा। वे हैं-
- सभी प्रकार का एरेटेड वाटर
- कार्बोनेटेड बेवरेजेज
- कैफीन युक्त ड्रिंक्स
- नॉन-अल्कोहॉलिक बेवरेजेज
- 350cc से ऊपर इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें
- हेलीकॉप्टर
- यॉट्स (Yachts)
क्या है सरकार का उद्देश्य
आसान भाषा में कहें तो सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ्लेवर वाले पेय, और लग्जरी चीजें महंगी होंगी क्योंकि उन पर अब 40% टैक्स लग गया है। बता दें कि इस बदलाव का मकसद है कि सामान्य जरूरत की चीजों पर टैक्स का बोझ कम किया जाए और लग्जरी या हानिकारक (sin) वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगाया जाए, ताकि रेवेन्यू भी बढ़े और उपभोग भी संतुलित रहे। हालांकि, तंबाकू उत्पाद फिलहाल 28% पर ही रहेंगे, लेकिन आगे चलकर इन्हें भी 40% स्लैब में डाला जा सकता है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में की गई सिफारिशों के अनुसार सिगरेट, जर्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पादों, अनिर्मित तंबाकू और बीड़ी को छोड़कर अन्य सेवाओं और वस्तुओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन 22 सितंबर से प्रभावी होंगे, जबकि इन वस्तुओं के लिए नयी दरें बाद में अधिसूचित की जाने वाली तारीख से लागू होंगी।

