मनुष्य का जीवन आत्मिक शांति और परमार्थ के लिए हो: विभाश्री माताजी

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कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे चातुर्मास के दौरान रविवार को अपने प्रवचन में गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी ने कहा कि मनुष्य का जीवन केवल भोग-विलास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आत्मिक शांति और परमार्थ की ओर अग्रसर होना है।

उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान सुख की तलाश में भटक रहा है। लेकिन सच्चा सुख केवल आत्मिक जागरण और सदाचारपूर्ण जीवन से ही प्राप्त हो सकता है। माताजी ने धर्म को संयम, करुणा और सह-अस्तित्व का मार्ग बताते हुए श्रद्धालुओं से सकारात्मक सोच, सेवा और सत्संग अपनाने का आह्वान किया।