कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला गौरव, संस्कृति और जनभागीदारी का पर्याय बने

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प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम में आए महत्वपूर्ण सुझाव

कोटा। 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेला गौरव, संस्कृति और जनभागीदारी का पर्याय बने। शहर के अधिक से अधिक लोगों की मेले में सहभागिता हो। नएपन के साथ कार्यक्रम से पहले से अधिक बेहतर हों। मेले के माध्यम से आमजन में देशप्रेम की भावना और अधिक सशक्त हो। महिलाओं और परिवारों मेले में आकर स्वयं को सुरक्षित महसूस करें।

ऐसे ही अनेक सुझाव मेला एवं अन्य उत्सव आयोजन समिति को गुरूवार को शहर के प्रबुद्धजनों ने दिए। मेले के सफल आयोजन को लेकर गुरुवार को जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ परिसर में प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने मेले को भव्यता देने के लिए अपनी बात रखी।

मेले में राम का यश और कीर्ति दृष्टिगोचर हो
मौजी बाबा आश्रम की महामंडलेश्वर डॉ. हेमा सरस्वती ने कहा कि यह मेला सनातन की संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ाने वाला है। हम राम के अनुयायी हैं तो मेले में भगवान राम का यश, गाथा और कीर्ति का मेल भी दृष्टिगोचर होना चाहिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि बाल प्रतिभाओं को अवसर देने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय दशहरा मेला की थीम पर आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं।

पारपरिक आयोजनों पर रहे जोर
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि कोटा का दशहरा मेला हमारी विरासत ही नहीं गौरव भी है। पारंपरिक रूप से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के साथ मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी के नेतृत्व में किए जा रहे नवाचार सराहनीय हैं। निश्चित ही मेला इस बार राष्ट्रीय पटल पर भी प्रमुख आकर्षण बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि 215 फीट का रावण मेले का विशेष आकर्षण होगा। जो देश का सबसे बड़ा रावण है। आम जन के साथ दिग्गज कलाकारों को मेले से जोड़कर इसकी रौनक और भी बढ़ जाएगी।

मेले की व्यवस्थाएं डिजिटलाइज हो
उद्यमी गोविंदराम मित्तल ने सुझाव दिया कि मेले को पूरी तरह डिजिटलाइज किया जाए। इस तरह के संसाधन तैयार किए जाएं कि मेला घूमने आए लोगों को स्वयं तथा प्रमुख दुकानों और आकर्षणों की करंट लोकेशन मिल सके। स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था इस प्रकार हो कि ताकि मेला परिसर में प्रवेश करते ही पार्किंग में खाली जगह का पता चल जाए। मेले के लिए विशेष प्रीपेड कार्ड लांच किया जा सकता है। जिससे पूरा भुगतान कैशलैस हो सके। मेले में आने वाले लोगों की वास्तविक संख्या को रिकॉर्ड करने के लिए गेस्ट काउंट मशीनें लगें, ताकि वैश्विक रिकॉर्ड के लिए दावेदारी की जा सके। एमएसएमई को भी आमंत्रित किया जाए ताकि आमजन को भारत में निर्मित उत्पाद देखने और खरीदने का अवसर मिल सके और नगर निगम की आय में भी इजाफा हो।

विदेशी पर्यटकों को भी जोड़ा जाए
होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान कोटा संभाग के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी ने सुझाव दिया कि कोटा के दशहरा मेला को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाना होगा। इसके लिए प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के टूर ऑपरेटर्स के साथ सामंजस्य स्थापित करना होगा, ताकि वह विदेशी पर्यटकों को मेला परिसर तक ला सकें। मेले के दौरान निगम प्रशासन, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन सामंजस्य बिठाकर इस तरह का टूर प्लान बनाएं कि देशी और विदेशी पर्यटकों को मेले के साथ-साथ कोटा बूंदी की एतिहासिक धरोहरों तक ले जाया जा सके। इससे न सिर्फ फेयर टूरिज्म डवलप होगा, बल्कि कोटा की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने विशेष ट्रेनें भी चलाने का सुझाव दिया।

आमजन की रूचि के अनुरूप हों कार्यक्रम
भाजपा शहर जिलाध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि हमें मेले को राष्ट्रीय स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाना होगा। जिन कार्यक्रमों में लोगों की रुचि कम है, उन्हें हटाकर नए कार्यक्रम जोड़े जाएं। स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा मिले। कार्यक्रमों को एक मंच पर केंद्रित करने के बजाय चार-पांच जगहों पर आयोजित किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को देखने और ज्यादा से ज्यादा कलाकारों को प्रदर्शन का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि मेले में इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि मोबाइल नेटवर्क ठप पड़ जाते हैं। इस समस्या का विशेषतौर पर समाधान किया जाना चाहिए।

मेले को गिनिज बुक में दर्ज करवाने का प्रयास
इससे पूर्व मेला आयोजन की तैयारियों की जानकारी देते हुए मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि कोटा के दशहरा मेले को परम्परा, संस्कृति, विरासत के साथ नवाचार और आधुनिकता का अनूठा संगम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार हमारा प्रयास है कि दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला कोटा में बने, जिसे गिनिज बुक में भी दर्ज करवाया जाए। राम बारात में 5100 बच्चे राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की वेशभूषा में सम्मिलित हों। मेला परिसर में पहुंचने पर इनकी 5100 दीपों से आरती की जाए। शहर के प्रमुख मंदिरों की झांकियां और पारंपरिक वेषभूषा में सजी 1100 महिलाएं भी राम बारात का हिस्सा होंगी।

राजवंशी ने कहा कि मेले की दुकानों और झूलों के आवंटन में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी प्रकार की अवैध वसूली, मोनोपोली या गुण्डागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। झूला संचालकों को स्पष्ट रूप से दरें प्रदर्शित करनी होंगी और अतिरिक्त वसूली पर पेनल्टी लगाई जाएगी। बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए ई-कार्ट सुविधा शुरू की जाएगी, ताकि वे भी आसानी से मेले का आनंद ले सकें।

बैठक में ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में गोदावरी धाम संस्थान के महंत गजेन्द्र भार्गव, पूर्व महापौर महेश विजय, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष प्रेम गोचर, पूर्व उपमहापौर सुनीता व्यास, वरिष्ठ भाजपा नेता पंकज मेहता, पूर्व भाजपा शहर जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी, कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन, कोटा डेयरी के अध्यक्ष चैन सिंह राठौड, पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष रमेश गुप्ता, वरिष्ठ उद्यमी अनिल मूंदड़ा, नगर निगम दक्षिण के आयुक्त एवं मेला अधिकारी अनुराग भार्गव, उत्तर आयुक्त अशोक त्यागी, अतिरिक्त मेला अधिकारी महेश गोयल, मेला प्रभारी सत्यनारायण राठौर, मेला समिति सदस्य गिरिराज महावर सहित शहर के प्रबुद्धजन, पार्षदगण, जनप्रतिनिधि, विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

बड़ी संख्या में मिले सुझाव
प्रबुद्ध जनों की बैठक के दौरान मेला समिति को 500 से अधिक सुझाव मिले। इनमें सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद करने, महिलाओं और बच्चों के लिए स्पेशल जोन बनाने, सरकारी स्कूल के बच्चों को फ्री में मेला घुमाने, स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों की प्रदर्शनी लगाने, महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने, मेले में वाहनों, औद्योगिक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने, मेले में आने वाले उत्पादों को जीएसटी में छूट दिलवाने, समाजकंटकों को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता व्यवस्था करने आदि सुझाव शामिल हैं।