पुण्य प्रबल होगा तो मनुष्य के पाप के प्रभाव स्वतः नष्ट हो जाएंगे: विभाश्री माता जी

0
12

कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे चातुर्मास के दौरान गुरुवार को तत्वार्थ सूत्र कक्षा में प्रवचन देते हुए गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी ने कहा कि जीवन में पुण्य का महत्व सर्वोपरि है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुण्य के अभाव में मनुष्य को न तो जीवन की सुख-सुविधाएँ प्राप्त हो सकती हैं और न ही कोई आध्यात्मिक उन्नति।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चाहे कोई खिलाड़ी कितनी ही मेहनत क्यों न करे, यदि पुण्य का साथ न हो तो सफलता संभव नहीं होती। जीवन के बड़े-बड़े लक्ष्य भी पुण्य के उदय पर ही निर्भर करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुण्य के बिना साधनों की प्राप्ति असंभव है, जबकि पुण्य होने पर विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य सिद्धि हो जाती है।

पुण्य से पाप का क्षय
माताजी ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने भीतर पुण्य अर्जन की भावना जाग्रत करनी चाहिए। यदि पुण्य प्रबल होगा तो पाप के प्रभाव स्वतः नष्ट हो जाएंगे और जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।