कमजोरियों को विनम्रता से स्वीकार करना ही वास्तविक साधना है: विभाश्री माताजी

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कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी ने चातुर्मास के दौरान शनिवार को तत्वार्थ सूत्र कक्षा में प्रवचन देते हुए कहा कि अपनी कमजोरियों को विनम्रता से स्वीकार करना और जीवन में झुकाव लाना ही वास्तविक साधना है। ऐसे साधक एक दिन स्वर्ग एवं सिद्धालय में जाकर विराजमान होते हैं।

उन्होंने कहा कि संसार में ऐसी कोई कामना नहीं है जिसे भगवान की भक्ति से पूर्ण न किया जा सके। जहां भक्ति है, वहां दुख, संकट और भय का कोई स्थान नहीं रहता।