तुवर, मक्का एवं धान का उत्पादन क्षेत्र बढ़ा, सोयाबीन का घटा
जयपुर। पश्चिमी भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- राजस्थान में मानसून की जोरदार बारिश के सहारे इस बार खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 4 अगस्त 2025 तक बढ़कर 153.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 147.12 लाख हेक्टेयर से करीब 6 लाख हेक्टेयर अधिक है।
राजस्थान में इस वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में ही मानसून सक्रिय हो गया था जिससे किसानों को फसलों की बिजाई जल्दी शुरू करने का अवसर मिल गया। राज्य कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान राजस्थान में अनाजी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 60.09 लाख हेक्टेयर से उछलकर 61.85 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसके तहत धान का उत्पादन क्षेत्र 2.75 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.41 लाख हेक्टेयर, ज्वार का क्षेत्रफल 6.39 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 6.53 लाख हेक्टेयर बाजरा का बिजाई क्षेत्र 41.41 लाख हेक्टेयर से उछलकर 42.10 लाख हेक्टेयर तथा मक्का का रकबा 9.55 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 9.78 लाख हेक्टेयर हो गया।
राजस्थान में दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र भी 33.07 लाख हेक्टेयर से उछलकर 36.06 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसके तहत मूंग का उत्पादन क्षेत्र 26.67 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 23.24 लाख हेक्टेयर, मोठ का बिजाई क्षेत्र 7.94 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.98 लाख हेक्टेयर, उड़द का क्षेत्रफल 2.97 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.12 लाख हेक्टेयर, चौला का रकबा 46 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 58 हजार हेक्टेयर तथ तुवर का क्षेत्रफल 3 हजार हेक्टेयर से उछलकर 14 हजार हेक्टेयर हो गया।
तिलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र भी गत वर्ष के 21.61 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 21.93 लाख हेक्टेयर हो गया। इसके तहत मूंगफली का उत्पादन 8.47 लाख हेक्टेयर से उछलकर 9.68 लाख हेक्टेयर,
तिल का क्षेत्रफल 1.83 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 1.85 लाख हेक्टेयर तथा अरंडी का रकबा 52 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 63 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा मगर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 10.79 लाख हेक्टेयर से घटकर 9.77 लाख हेक्टेयर रह गया।
इसके अलावा राजस्थान में ग्वार का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 23.40 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 23.45 लाख हेक्टेयर एवं कपास का बिजाई क्षेत्र 5.12 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.29 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। गन्ना का क्षेत्रफल कुछ पीछे चल रहा है।

