Stock Market: शेयर मार्केट इस सप्ताह कैसा रहेगा, जानिए एक्सपर्ट की राय

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नई दिल्ली। Market This Week: इस हफ्ते शेयर बाजार का रुख कई अहम कारकों पर टिका रहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की नजर मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति बैठक, बड़ी कंपनियों के पहली तिमाही (Q1) के नतीजे और टैरिफ से जुड़ी खबरों पर रहेगी।

घरेलू स्तर पर RBI के ब्याज दर संबंधी फैसले के साथ ही केंद्रीय बैंक की महंगाई, लिक्विडिटी और ग्रोथ आउटलुक पर की जाने वाली टिप्पणी निवेशकों के लिए अहम संकेत देगी। नतीजों के मोर्चे पर भारती एयरटेल, डीएलएफ, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा मोटर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जैसी दिग्गज कंपनियों के वित्तीय परिणाम सेक्टोरल मूवमेंट को तय करेंगे।

इसके अलावा HSBC सर्विसेज और कंपोजिट PMI का आंकड़ा, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और अमेरिका की ओर से व्यापार वार्ता पर आने वाली नई प्रतिक्रियाएं भी बाजार में निकट अवधि की अस्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।

पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और व्यापार से जुड़े वैश्विक चिंताओं ने बाजार में नकारात्मक माहौल बनाया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्ताह ये सभी कारक मिलकर बाजार की दिशा तय करेंगे।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौर के मुताबिक, 6 अगस्त को होने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक बाजार के लिए अहम होगी। वैश्विक और घरेलू कारकों से बढ़ी अस्थिरता के बीच इस बैठक पर निवेशकों की नजर रहेगी।

इस सप्ताह कई बड़ी निफ्टी कंपनियां—अदाणी पोर्ट्स, भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, ट्रेंट, टाइटन, भारतीय स्टेट बैंक और टाटा मोटर्स—अपने तिमाही नतीजे पेश करेंगी, जो शेयर-विशेष गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं।

पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 863.18 अंकों (1.05%) की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 271.65 अंकों (1.09%) टूटा। शुक्रवार को सेंसेक्स 585.67 अंक (0.72%) गिरकर 80,599.91 पर और निफ्टी 203 अंक (0.82%) फिसलकर 24,565.35 पर बंद हुआ।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आने वाले सामान पर 25% शुल्क और रूस के साथ ऊर्जा व रक्षा व्यापार पर पेनल्टी लगाने का फैसला अप्रत्याशित था, जिससे अल्पावधि में बाजार धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है। हालांकि, उनका मानना है कि शुरुआती हलचल के बाद भारत-अमेरिका के बीच अगले दौर की बातचीत में कोई समझौता हो सकता है और तब एफपीआई प्रवाह में स्थिरता आ सकती है।

मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, अमेरिकी शुल्क, मिश्रित तिमाही नतीजे और बढ़ते एफआईआई आउटफ्लो के बीच भारतीय शेयर बाजार फिलहाल कंसोलिडेशन मोड में रह सकता है। उन्होंने कहा कि मैक्रो फ्रंट पर आरबीआई और बैंक ऑफ इंग्लैंड की ब्याज दरों पर फैसले के साथ-साथ अमेरिका और भारत के सर्विसेज पीएमआई डेटा भी महत्वपूर्ण रहेंगे।

भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को कमजोर रुख के साथ बंद हुए। एशियाई बाजारों में गिरावट और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लागू करने के फैसले का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा। इसके चलते फार्मा और मेटल शेयरों में भारी बिकवाली हुई, जिससे इंडेक्स दबाव में आ गए। ट्रंप ने कई ट्रेडिंग पार्टनर्स पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा भी की है, जिससे वैश्विक बाजारों में कमजोरी और बढ़ गई।

बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) ने दिन की शुरुआत 81,074 के स्तर पर की, जो पिछले बंद से 100 से अधिक अंक नीचे था। कारोबार के दौरान इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन आखिरी घंटे में बिकवाली बढ़ने से यह 585.67 अंक या 0.72% गिरकर 80,599.91 पर बंद हुआ।

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी कमजोरी के साथ 24,734.90 पर खुला। शुरुआती सत्र में निफ्टी सीमित दायरे में रहा, लेकिन अंत में दबाव बढ़ने से यह 203 अंक या 0.82% टूटकर 24,565 पर सेटल हुआ।