भावनात्मक संतुलन और मानसिक दृढ़ता किसी भी संकट से उबरने की कुंजी हैं

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कोटा। Career Accelerator: वैश्विक प्रतिस्पर्धा के वर्तमान दौर में युवाओं को करियर की दिशा में सशक्त बनाने और उनके भीतर समसामयिक एवं अत्यंत मांग में रहने वाले कौशलों का विकास करने के उद्देश्य से कोटा विश्वविद्यालय तथा इंडोनेशिया की यूनिवर्सिटास नेशनल जकार्ता के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को किया गया।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) भगवती प्रसाद सारस्वत एवं यूनिवर्सिटास नेशनल, जकार्ता की वाइस रेक्टर प्रो. डॉ. अर्नावती सिना‍गा ने प्रतिभागियों को संबोधित किया।

अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति प्रो. सारस्वत ने कहा, ज्ञान हमें पंख देता है, जबकि कौशल उड़ान भरने में मदद करता है। आज के युग में केवल जानकारी पर्याप्त नहीं, उसे व्यवहारिक रूप से अपनाने की दक्षता ही युवाओं को प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाएगी।

वहीं, प्रो. अर्नावती सिना‍गा ने इस कार्यशाला को दोनों देशों के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म युवाओं को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं और बहुसांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देते हैं। कार्यशाला की निदेशक प्रो. अनुकृति शर्मा ने बताया कि यह पहल दोनों देशों के बीच अकादमिक एवं कौशल आधारित सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

प्रथम सत्र का शुभारंभ भारत की प्रख्यात पत्रकार और भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फोटोग्राफी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं डॉ. तबीनाह अंजुम ने अपने सत्र में इमोशनल इंटेलिजेंस एंड मेंटल रेज़िलियंस स्किल्स विषय पर युवाओं से संवाद किया।

उन्होंने वर्कशॉप में विद्यार्थियों को कहा कि कोविड-19 महामारी के पश्चात जब कई लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाईं, तब यह स्पष्ट हुआ कि भावनात्मक संतुलन और मानसिक दृढ़ता किसी भी संकट से उबरने की कुंजी है। आज का युवा यह सीखे कि कैसे अपने भावनात्मक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करते हुए, नए अवसरों की ओर अग्रसर हो। उन्होंने युवाओं को आत्म-निरीक्षण, सहानुभूति, और संप्रेषणीयता जैसे गुणों के विकास पर बल दिया।

दूसरे सत्र मे यूनिवर्सिटास नेशनल, इंडोनेशिया के प्राध्यापक, शोधकर्ता एवं नीति सलाहकार डॉ. एंड्रियानिंगसिह ने टेक एंड डिजिटल लिटरेसी स्किल्स पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में केवल एक कौशल से संतोष करना व्यावसायिक आत्महत्या के समान है। युवाओं को मल्टी-डायमेंशनल और हाईब्रिड स्किल सेट्स अपनाने होंगे।

डॉ. एंड्रियानिंगसिह ने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब केवल तकनीकी भाषा नहीं, बल्कि जीवन की अनिवार्यता बन चुकी है। इसके साथ ही युवाओं को सॉफ्ट स्किल्स जैसे संप्रेषण, नेतृत्व, टीमवर्क आदि का ज्ञान भी होना अत्यंत आवश्यक है। कार्यशाला की निर्देशक प्रो. अनुक्रति शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में दोनों देशों के छात्र निःशुल्क भाग ले रहे हैं। लगभग 1200 विद्यार्थियों ने इसमे रजिस्ट्रेशन करवाया है।

कार्यक्रम के शुरू में कोटा यूनिव​र्सिटी के ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स विभाग की डॉ. अनुकृति शर्मा, डा.श्वेता व्यास, डॉ. केआर चौधरी ने कुलपति प्रो.भगवती प्रसाद सारस्वत को पुष्पगुच्छ भेंट किया। कार्यशाला में विभागाध्यक्ष वाणिज्य एवं प्रबंधन डॉ. मीनू माहेश्वरी, डॉ. प्रज्ञा धीर, डॉ. नीता पारीक सहित ​विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी जुड़े। संचालन डॉ. श्रुति अरोडा एवं डॉ. प्रिया सोडानी ने किया।