कोटा। गंगा दशहरा एवं विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर गुरूवार को जिले के प्रभारी एवं सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने चंबल माता की मूर्ति के पास रिवर फ्रंट पर जल पूजन के साथ ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान का जिला स्तर पर शुभारंभ किया।
सहकारिता मंत्री दक एवं प्रभारी सचिव मंजू राजपाल सहित जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने चम्बल नदी की आरती की। उन्होंने चंबल नदी में पुष्प अर्पित किए और चुनरी ओढ़ाई। इससे पहले प्रभारी मंत्री ने कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाई। रिवर फ्रंट पर करीब 400 महिलाएं कलश लेकर निकली। कलश यात्रा के माध्यम से मातृशक्ति ने जल संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरणीय चेतना का जनमानस तक प्रभावशाली संदेश दिया।
शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि जन सहभागिता के इस कार्यक्रम के तहत 20 जून तक सभी जल संरक्षण गतिविधियों में भाग लें। उन्होंने कहा कि श्रमदान के माध्यम से कुएं, बावड़ी, सरोवर एवं तालाबों को संरक्षित करें। इस दौरान प्रभारी मंत्री ने सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि ‘जल है तो कल है, यही मेरा संकल्प है’ इस भावना के साथ हमें जल संरक्षण के लिए प्रयास करने हैं। पानी बचाने का जो संकल्प आज लिया है उसे अपने जीवन में उतारें।
प्रभारी मंत्री ने सीएम भजन लाल शर्मा का धन्यवाद दिया जिनके प्रयासों से हरियालो राजस्थान अभियान के तहत प्रदेश में पिछले साल करीब 7 करोड़ पौधे लगाए गए और उनकी देखरेख की भी व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि हरियालो राजस्थान के तहत इस वर्ष 11 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी की भागीदारी से ही इस लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर हम आने वाली पीढ़ी को विरासत में हरी-भरी प्रकृति सौंपे। उन्होंने पानी का सदुपयोग करने, पर्यावरण बचाने एवं जल संरक्षण का संकल्प लेने का आव्हान किया।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत मातृशक्ति को तुलसी के पौधे भेंट किए गए, ताकि वे अपने परिवार और समाज में हरियाली एवं समृद्धि का संदेश प्रसारित करें। उन्होंने पौधारोपण संकल्प अभियान की शुरुआत भी की। ऑनलाइन संकल्प लेने वालों को प्रमाण पत्र ऑनलाइन मिलेंगे।
कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने बेतरतीब दोहन के कारण लगातार गिर रहे भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमने जल संरक्षण के प्रयास नहीं किए तो आने वाली पीढ़ी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसेगी। उन्होंने कहा कि ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान के तहत 20 जून तक सभी को बावड़ी, तालाब और पारम्परिक जल स्रोतों की सफाई कर उन्हें संरक्षित करना है।

