भागवत कथा से दिया भक्ति, धैर्य और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का संदेश

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कोटा। श्री महर्षि दधीचि छात्रावास में चल रही भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। भक्तिभाव से लोग भागवत सुनने पहुचे। कथा व्यास आचार्य पंडित कौशल किशोर दाधीच (रायथल) ने भक्तिभाव से कथा का वाचन किया।

भागवत सप्ताह के द्वितीय दिन की कथा में भागवत पुराण के प्रारंभिक अध्यायों की विस्तृत चर्चा की। राजा परीक्षित के जीवन, उनके शाप और शुकदेव जी के आगमन की कथा सुनाई। साथ ही सृष्टि की उत्पत्ति, मनु-स्वायंभुव वंश, और भक्त ध्रुव की कथा का वर्णन किया। कथा को श्लोकों, गीतों, और दृष्टांतों से सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने ध्रुव चरित्र के माध्यम से बताया कि वह अपने पिता की गोद में बैठने की इच्छा से वन में तपस्या करने निकलता है। उसकी कठोर तपस्या से भगवान प्रसन्न होते हैं और उसे अटल पदवी प्रदान करते हैं। ध्रुव तारा के रूप में आज भी आकाश में चमकता है। इन कथाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को भक्ति, धैर्य और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का संदेश दिया गया।

कथा में श्री महर्षि दधीचि छात्रावास समिति के अध्यक्ष रविंद्र जोशी, मंत्री निमेष पुरोहित एवं कोषाध्यक्ष रामकल्याण दाधीच, एडवोकेट रामेश्वर दयाल दाधीच, चंद्र प्रकाश दाधीच, नागेश दाधीच, राजेश दाधीच, नरेंद्र मोहन दाधीच, गोपाल दाधीच, नृसिंह दाधीच एवं दिवाकर दाधीच सहित समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

महिला मंडल की अध्यक्ष स्मिता शर्मा एवं मंत्री अंबिका शर्मा के नेतृत्व में ज्योति पुरोहित, आरती दाधीच, ममता दाधीच, मीना दाधीच और आशा दाधीच ने आयोजन की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में अहम योगदान दिया।