स्टॉक सीमा का गेहूं स्टॉक ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
नई दिल्ली। Wheat stock limit: केंद्र सरकार गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है। सरकार ने बुधवार को गेहूं के लिए लागू भंडारण सीमा में संशोधन किया है। इसके तहत भंडारण सीमा में बड़ी कटौती की है। अब कारोबारी पहले की तुलना में गेहूं का भंडारण कम कर पाएंगे।
केंद्र सरकार ने आज कारोबारी/थोक बिक्रेताओं के लिए गेहूं के लिए भंडारण सीमा 1,000 टन लागू करने की घोषणा की है। इससे पहले यह सीमा 2,000 टन थी। इस तरह थोक कारोबारियों के लिए भंडारण सीमा घटाकर आधी कर दी गई है। खुदरा बिक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा को 10 टन से घटाकर 5 टन प्रति आउटलेट कर दिया गया है।
बड़ी श्रृंखला वाले कारोबारियों के लिए पहले एक आउटलेट पर 10 टन गेहूं रखने की इजाजत थी, जिसे अब घटाकर 5 टन कर दिया गया है। प्रोसेसर मासिक स्थापित क्षमता का अब 50 फीसदी अप्रैल 2025 तक गेहूं का भंडारण कर पाएंगे। पहले यह सीमा 60 फीसदी थी। आज घोषित भंडारण सीमा 31 मार्च 2025 तक प्रभावी होगी।
गेहूं का भंडारण करने वाली सभी संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर पंजीकरण करना होगा। साथ ही उनके लिए प्रत्येक शुक्रवार को अपने स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना आवश्यक है।
कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या वह भंडारण सीमा का उल्लंघन करती है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने यह भी कहा है कि यदि गेहूं का भंडारण करने वालों के पास निर्धारित सीमा से अधिक भंडार है तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित भंडारण सीमा के दायरे में लाना होगा। केंद्र सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखती है और देश में उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उचित हस्तक्षेप करती है। रबी 2024 के दौरान कुल 11.32 करोड़ गेहूं का उत्पादन हुआ है और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है।