मुकंदरा को मिली एक और बाघिन: 5 हैक्टेयर के सॉफ्ट एनक्लोजर में रहेगी मादा शावक

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कोटा। रणथंभौर टाइगर रिजर्व की मृत बाघिन टी 114 के शावक बीते 2 साल से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में पाले जा रहे थे। जिनमें से एक मेल टाइगर को 7 दिन पहले रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया था। वहीं दूसरे फीमेल शावक को बुधवार को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रिलीज किया गया।

इसको लेकर वन विभाग टेरिटोरियल कोटा और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की टीम ने आज सुबह से ही प्रक्रिया शुरू कर दी। सुबह ही अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में उच्च अधिकारी और चिकित्सक पहुंच गए थे। जहां करीब दो साल के इस फीमेल टाइगर को ट्रेंकुलाइज किया गया। साथ ही चिकित्सकीय जांच की गई और ब्लड सैंपल भी लिए गए. जिन्हें जांच के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाएगा। बाद में उसके रेडियो कॉलर भी लगाया गया।

करीब 11 बजे शावक को लेकर टीम मुकुंदरा के लिए रवाना हो गई। इस दौरान सीसीएफ आरके खैरवा, डीसीएफ मुकुंदरा मुथु एस, डॉ राजीव गर्ग, डॉ तेजेंद्र रियाड, दौलत सिंह शक्तावत, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के फील्ड बायोलॉजिस्ट राजशेखर मौजूद रहे. कोटा के उपवन संरक्षक (डीसीएफ) वन्यजीव अनुराग भटनागर का कहना है कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के निर्देश के बाद बुधवार को एक फीमेल टाइगर को रिजर्व में शिफ्ट किया गया है।

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के डीसीएफ मुथु एस का कहना है कि सुबह 11 बजे के आसपास शावक को लेकर रवाना हुए थे। दोपहर 1:50 बजे के आसपास उसे लेकर पहुंचे थे। जहां पर फिलहाल पांच हेक्टेयर के छोटे एंक्लोजर में टाइगर को शिफ्ट किया गया है। टाइगर की पूरी मॉनिटरिंग की जाएगी। साथ ही पास के एंक्लोजर में पर्याप्त मात्रा में प्रे-बेस भी छोड़ा गया है। फिलहाल मुकुंदरा में एक टाइगर और एक टाइग्रेस पहले से मौजूद है। यह खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं।

डीसीएफ अनुराग भटनागर का कहना है कि करीब ढाई महीने की उम्र में दोनों शावकों को 31 जनवरी, 2023 को कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। क्योंकि इनकी मां टी-114 की मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी केयरिंग की गई है। दोनों को जंगल में रिलीज करने के उच्च अधिकारियों के निर्देश थे। इसीलिए पूरी तरह से उन्हें वाइल्ड रखने के लिए स्टाफ से दूर रखा गया था।