अहमदाबाद। केन्द्र सरकार के साथ-साथ उद्योग-व्यापार संगठनों ने भी पिछले साल की तुलना में चालू सीजन के दौरान कपास के घरेलू उत्पादन में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार 2023-24 सीजन के दौरान देश में 325.22 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) कपास का उत्पादन हुआ था जो 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में लगभग 26 लाख गांठ घटकर 299.26 लाख गांठ रह जाने की संभावना है।
इसी तरह एक अग्रणी व्यापरिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कपास का घरेलू उत्पादन 325 लाख गांठ से 23 लाख गांठ घटकर 302 लाख गांठ पर सिमटने का अनुमान लगाया है।
देश के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- गुजरात में कपास का बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 26.82 लाख हेक्टयेर से 3.11 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 23.71 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। इसके अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं पंजाब में भी कपास के बिजाई क्षेत्र में भारी गिरावट आई जबकि कर्नाटक एवं उड़ीसा में क्षेत्रफल गत वर्ष के बराबर ही रहा।
राष्ट्रीय स्तर पर कपास का उत्पादन क्षेत्र पीछे साल के 127 लाख हेक्टेयर से 14 लाख हेक्टेयर घटकर इस बार 113 लाख हेक्टेयर रह गया और कहीं-कहीं फसल को बाढ़-वर्षा से नुकसान भी हुआ।
घरेलू बाजार में मांग कमजोर रहने से कपास का दाम नरम चल रहा है। समझा जाता है कि इसमें नमी का अंश भी मान्य सीमा से ज्यादा है। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने विभिन्न राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से अच्छी मात्रा में कपास की खरीद आरंभ कर दी है और इसकी प्रक्रिया आगे भी जारी रहने की संभावना है।
2024-25 सीजन के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य मीडियम रेशे वाली श्रेणी के लिए 7121 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशे वाली किस्मों के लिए 7521 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जबकि इसका थोक मंडी भाव 6500/7000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।