नई दिल्ली। केंद्र का राजकोषीय घाटा 2024-25 की पहली छमाही के अंत में पूरे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का 29.4 फीसदी या 4,74,520 करोड़ रुपये रहा। 2023-24 की समान अवधि में यह घाटा बजट अनुमान का 39.3 फीसदी रहा था।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 की अप्रैल-सितंबर में शुद्ध कर राजस्व संग्रह 12.65 लाख करोड़ या बजट अनुमान का 49 फीसदी रहा। सितंबर, 2023 के अंत में यह 49.8 फीसदी था। इस दौरान केंद्र सरकार का कुल खर्च 21.11 लाख करोड़ या 43.8 फीसदी रहा है।
एक साल पहले की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 47.1 फीसदी था। कुल खर्च में से 16.96 लाख करोड़ राजस्व खाते में जबकि 4.15 लाख करोड़ पूंजीगत खाते में थे। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 4.9 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।
बुनियादी उद्योगों की सुस्त पड़ी रफ़्तार
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में सुस्त पड़कर दो फीसदी पर आ गई। हालांकि, अगस्त की तुलना में प्रदर्शन सुधरा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त, 2024 में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 1.6 फीसदी गिरावट आई थी। एक साल पहले समान महीने में उद्योगों का उत्पादन 9.5 फीसदी बढ़ा था। आठ प्रमुख क्षेत्रों में कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और बिजली क्षेत्र के उत्पादन में सितंबर में नकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है।