Child Talent: गांडीव उठाने में देरी जितनी भी यहां होगी, इंद्रप्रस्थ के राजभवन में अंधेर..

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डांस फ्लोर पर बच्चों ने दिखाई प्रतिभा, नृत्य की प्रस्तुतियों ने मोह लिया मन

कोटा। Child Talent Program: राष्ट्रीय मेला दशहरा में रविवार को विजयश्री रंगमंच पर बाल प्रतिभा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान नृत्य के प्रति नन्हें बच्चों में लगन और प्रतिभा देखकर हर कोई दंग रह गया। बालकों और बालिकाओं ने नृत्य की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। वहीं काव्यपाठ करते हुए सामाजिक संदेश देते हुए भी नजर आए। बच्चों ने सुरीले कंठ से गीतों की ऐसी तान छेड़ी की हर कोई वाह वाह कह उठा।

कार्यक्रम की शुरुआत पेंशनर सोसायटी के अध्यक्ष रमेशचंद्र गुप्ता, प्रायोजक शुभम ग्रुप के निदेशक दीपक राजवंशी, शिव ज्योति एजुकेशनल ग्रुप के निदेशक शिवम गुप्ता, मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी, मेला अधिकारी जवाहर लाल जैन, अतिरिक्त मेला अधिकारी महेश चंद गोयल, मेला प्रभारी महावीर सिसोदिया, सदस्य योगेंद्र शर्मा, विजयलक्ष्मी, रेखा यादव, सोनू धाकड़ के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करके की गई।

बाल प्रतिभा कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। एके डांस एकेडमी की ओर से बच्चों ने “जय देव जय देव श्री गणेशा..” भजन पर अद्भुत नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद जीताश्री जायसवाल ने क्लासिकल गणेश वंदना प्रस्तुत की। उन्होंने “जय देव जय जय मंगलमूर्ति..” भजन पर नृत्य किया। समृद्धि औदीच्य “गोरी थारो चांद सरीखो मुखड़ो.. पर सुंदर नृत्य किया।

नव्य शर्मा ने काव्य पाठ करते हुए महाभारत में कृष्ण की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने “गांडीव उठाने में जितनी भी देरी यहां होगी.. इंद्रप्रस्थ के राजभवन में अंधेर वहां होगी.. पढ़ी तो वाह वाह गूंज उठा। अदिका दीक्षित ने काव्य पाठ करते हुए नारी शक्ति का बखान किया। उन्होंने द्रोपदी चीर हरण का वर्णन करते हुए “माधव की लीला न्यारी..” पढ़ते हुए खूब दाद लूटी। नन्हे दिव्यांशु ने मोटिवेशनल लाइन पढ़ते हुए सबको अचरज में डाल दिया। उन्होंने मोबाइल से दूरी बना लो, नारी का सम्मान करो.. कहते हुए वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया।

जियांशी गुप्ता ने “सातों जन्म से राह निहारे ..”, हृदय खटाना ने “आओ पधारो राजकुंवर सा खम्मा घणी.. अविका मीणा और दृषा माखीजा ने ड्यूट डांस किया। इसके बाद श्रेष्ठ गुप्ता और श्रृत गुप्ता ने पुष्पा.. डांस किया। झनकार ग्रुप की ओर से क्लासिकल और स्टेप ऑन बीट ग्रुप की ओर से डांस प्रस्तुत किया गया। अर्शी, इमरान और अंजुम ने गांव की ब्यूटी.. हर्षिता रॉय चौधरी ने परम सुंदरी.. रिद्धिमा ने वो किसना है. पर नृत्य किया।

गीतों पर झूम उठे श्रोता
सिद्धिका माधवानी और जिया माधवानी ने मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे.. भजन की प्रस्तुति दी तो जय श्रीराम का घोष गूंज उठा। अविका सक्सेना ने आओ तुमको सितारों में ले चलें.. गाया। स्वप्न मेहत ने भी गीत गाकर तालियां लूटी।

बिखरे राजस्थानी रंग
पारंपरिक लोक गीतों पर सबसे ज्यादा बच्चों ने नृत्य प्रस्तुतियां दी। कभी ढोलना तो कभी पधारो म्हारे देश जैसे पारंपरिक गानों पर नन्हे मुन्नों की नृत्य प्रस्तुतियां देख दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए। कभी ओडिसी, तो कभी कत्थक और कुचिपुड़ी जैसे दक्षिण भारतीय नृत्यों की प्रस्तुति देख दर्शक हैरत में पड़ गए।
यति प्रजापति ने राजस्थानी गीत कदी आओनी रसीला म्हारे देस.. पर नृत्य किया। आव्या जैन ने कालबेलिया नृत्य किया। जाह्नवी मीणा ने खाम्मा घणी पर नृत्य किया। केशवम ग्रुप ने फूल रही सरसों.. पर कत्थक पर आधारित नृत्य किया।

कभी राम तो कभी भवानी दिखी
बाल प्रतिभाओं की इस प्रस्तुति में 20 से ज्यादा बच्चों ने अध्यात्म की ऐसी धुन छेड़ी कि पूरा मेला मैदान आस्था और भक्ति से भर उठा। कभी बच्चे राम के वेश में नजर आए तो कभी मंच पर बाल रूप में भवानी जाग उठी। मीरा से लेकर राधा के वेश में प्रेम और भक्ति की ऐसी बयार बही की दर्शक कन्हाई के रंग में रंग गए। पल्लवी नागर ने योद्धा बन .. पर तलवार के साथ जबरदस्त नृत्य किया।