गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत, जीएसटी नहीं बन पाया मुद्दा

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जीत के बाद बीजेपी में जश्न

अहमदाबाद। बेहद दिलचस्प रहे गुजरात विधानसभा चुनाव में रुझानों और नतीजों से यह साफ हो रहा है कि जीएसटी-नोटबंदी और पटेल फैक्टर से लेकर आदिवासी-दलितों के मुद्दे ने भी ना तो बीजेपी को कोई बड़ा नुकसान पहुंचाया और ना ही कांग्रेस को कोई खास फायदा दिलाया। बीजेपी अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही। आपको बताते हैं गुजरात विधानसभा चुनाव की 5 बड़ी बातें:

काम नहीं किया हार्दिक फैक्टर
चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा हार्दिक फैक्टर की ही थी। हार्दिक पटेल की अगुवाई में हुए पाटीदार आंदोलन के चलते माना जा रहा था कि बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

जिस तरह हार्दिक ने बीजेपी के विरोध और कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया, उसे देखते हुए बीजेपी को बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन रुझानों से साफ है कि सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके को छोड़कर प्रदेश के बाकी सभी इलाकों में पटेलों ने बीजेपी का भरपूर साथ दिया है।

जीएसटी नहीं बन पाया मुद्दा
प्रदेश के सबसे बड़े शहर और व्यापारिक केंद्र सूरत में बीजेपी का शानदार प्रदर्शन यह समझने के लिए काफी है कि चुनाव में जीएसटी कोई बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया। कांग्रेस ने व्यापारियों की जीएसटी से नाराजगी को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने GST को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ तक बोल दिया था, लेकिन व्यापारियों ने नाराजगी के बावजूद बीजेपी का साथ नहीं छोड़ा। सूरत शहर 12 सीटें शहर में से 11 पर बीजेपी या तो लीड कर रही या जीत चुकी है।

यहां सिर्फ मांडवी सीट पर कांग्रेस आगे चल रही है। खास बात यह है कि पटेलों का गढ़ मानी जाने वाली वारछा रोड सीट पर भी फिलहाल बीजेपी आगे है।

शहरों में बीजेपी का दबदबा कायम
चुनाव से पहले ही यह माना जा रहा था कि शहरों में बीजेपी की स्थिति मजबूत बनी रहेगी। शहरी क्षेत्रों में बीजेपी को भारी समर्थन हासिल हुआ है।

राजधानी अहमदाबाद सहित सूरत, वडोदरा, राजकोट जैसे सभी शहरी क्षेत्रों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। शहरों में तो बीजेपी छाई ही ही, साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी पार्टी ने बढ़िया परफॉर्म किया है।

आदिवासी इलाकों में भी बीजेपी आगे
पाटीदारों के छिटकने की आशंका के बीच बीजेपी ने बाकी समुदायों को साथ जोड़े रखने पर खासा जोर दिया था। यही वजह है कि कांग्रेस के समर्थक माने जाने वाले प्रदेश के आदिवासी इलाकों में भी बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। प्रदेश के दक्षिणी इलाके में आदिवासियों का काफी असर है, जहां बीजेपी कुल 33 में से 22 सीटों पर आगे है।

सौराष्ट्र-कच्छ में कांग्रेस को बढ़त
एग्जिट पोल्स से संकेत मिला था कि सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। अनुमान के मुताबिक, कांग्रेस फिलहाल इन इलाकों की 54 में से 30 सीटों पर लीड कर रही है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस उत्तर गुजरात में भी आगे थी, लेकिन मतगणना आगे बढ़ने के साथ वह बीजेपी से पिछड़ गई।