Kavach 4.0: रेल मंत्रालय ने 10 हजार इंजनों पर कवच 4.0 लगाने को मंजूरी दी

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कोटा। Kavach 4.0: रेल मंत्रालय ने देशभर में 10,000 इंजनों पर कवच 4.0 की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इसके लिए निविदाए भी आमंत्रित कर दी गई है। इससे कुछ वर्षों में पूरे नेटवर्क पर कवच की तेजी से स्थापना में मदद मिलेगी।

ज्ञातव्य है कि कवच 4.0 का पहला परीक्षण 16 सितंबर को सवाईमाधोपुर से कोटा खंड के बीच 108 किमी के लिए किया गया । भारतीय रेलवे ने 16 जुलाई को कवच 4.0 को मंजूरी दी और दो महीने में कोटा-सवाईमाधोपुर के बीच कवच 4.0 की स्थापना और कमीशनिंग हुई।

कोटा और सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर लंबे खंड को दो महीने के भीतर यानी 26 सितंबर तक स्थापित कर चालू कर दिया है। रेल मंत्री ने 24 सितंबर को इसी खंड में कवच 4.0 के 7 परिदृश्य परीक्षण भी किए। कम समय में हासिल की गई इस बड़ी उपलब्धि के साथ रेलवे अब पूरे देश में मिशन मोड में कवच लगाना शुरू कर देगा।

कवच की तैनाती के लिए सबसे पहले उच्च घनत्व वाले दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट (करीब 3,000 रूट किमी) रूट चुने गए। इन दो रूटों को इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। कवच 4.0 में अपग्रेड करने के तुरंत बाद एक-एक रेलखण्ड को पूरा करते हुए कमीशनिंग शुरू हो जाएगी। अगले खंडों दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई खंड और अन्य खंड (9,000 आरकेएम) के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।

स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली
एटीपी प्रणाली रेल परिवहन में उपयोग की जाने वाली एक सुरक्षा प्रणाली है, जो ट्रेनों को सुरक्षित गति से अधिक या खतरे में सिग्नल पास करने से रोकती है। यह स्वचालित रूप से ट्रेन की गति को नियंत्रित करती है और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यदि आवश्यक हो तो ब्रेक लगा सकती है। एटीपी प्रणाली आधुनिक रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो मानवीय त्रुटि के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है और ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करता है।

जानिए कैसे काम करता है कवच
स्टेशन कवच: लोको कवच, सिग्नलिंग सिस्टम से सूचना प्राप्त करता है और लोकोमोटिव को गाइड करता है।
आरएफआईडी टैग: ट्रेन की लोकेशन और दिशा निर्धारित करने के लिए 1 किमी और हर सिग्नल पर ट्रैक पर लगाए जाते हैं।
संचार बैकबोन: लोको और स्टेशन के बीच सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए ट्रैक के साथ टावर और ओएफसी।
लोको कवच: आरएफआईडी टैग पढ़ने के लिए। ब्रेकिंग सिस्टम के साथ एकीकृत, स्टेशन कवच के साथ संचार करता है और ड्राइवर द्वारा ऐसा करने में विफल होने पर स्वचालित ब्रेक लगाता है।