कोटा। देसी गाय ही क्यों पालें हम ? हमारे देश में देसी गाय को लेकर एक भ्रम है कि वह दूध कम देती है। इसलिए उनको सड़कों पर छोड़ कर हम अंग्रेजी नस्ल की विदेशी गायों को पाल रहे हैं।
यह कहना है स्वामी चिन्मयानंद का है। वह शनिवार को वह इंद्रप्रस्थ इंडस्ट्रियल एरिया कोटा में स्थित सीमन बैंक विजिट करने आये थे। उन्होंने हमारे चैनल LEN DEN NEWS को एक भेंट में देसी गाय का महत्व बताया।
साथ ही उन्होंने विदेशी गाय के दूध से होने वाले नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि विदेशी गाय जिसके कन्धा नहीं होता, उस गाय का दूध पीने से कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारियां हो रही हैं। हमारे बच्चे मंदबुद्धि हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे बचने का एक ही रास्ता है कि हम गाय पालें तो देसी ही पालें। क्योंकि इसके दूध में A-2 पाया जाता है। इससे हमारे बच्चे तंदुरुस्त होंगे। उन्होंने देसी गायों की नस्ल सुधार के भी तरीके बताये हैं।
सीमन बैंक संचालक सुरज्ञान गुप्ता ने बताया कि देसी गोवंश के पालन, प्रबंधन पर अब लोग जागरूक होने लगे हैं। 1990 के बाद से एकदम से कृषि कार्य में मशीनरी का अंधाधुंध उपयोग होने लगा। किसानों की पशुओं पर निर्भरता खत्म होने लगी तो उन्होंने गोवंश पालना कम किया।
जो मवेशी उनके पास थे, उन्हें लावारिस छोडऩा शुरू किया। अब लोग दुबारा से गोवंश पालन को जागरूक होने लगे हैं। प्रदेश में कई गोशालाओं में नस्ल सुधार किया जा रहा है।
शेखावाटी, मारवाड़, वागड़ में गिर, थारपारकर, साहीवाल आदि गायों के सीमन का उपयोग किया जा रहा है। धीरे-धीरे पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में भी कोटा से सीमन की मांग बढऩे लगी है। पूरी जानकारी के लिए देखिये यह वीडियो –