नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023-24 सीजन के 4600 रुपए प्रति क्विंटल से 292 रुपए या 6.3 प्रतिशत बढ़ाकर 2024-25 के सीजन हेतु 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
पहले तीनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन का भाव घटकर समर्थन मूल्य से भी काफी नीचे आ गया था लेकिन 6 से 12 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान कीमतों में अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर किसानों से 40 प्रतिशत सोयाबीन की खरीद करने की घोषणा हुई है और इसके लिए तैयारी भी शुरू हो चुकी है। वहां सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य सुधरकर 4700-4800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
आयात शुल्क: अब केन्द्र सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है जिससे आगामी समय में सोयाबीन का भाव कुछ मजबूत हो सकता है। इसकी बिजाई समाप्त हो चुकी है और क्षेत्रफल में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है मगर कुछ इलाकों में भारी वर्षा एवं बाढ़ से फसल को नुकसान होने की सूचना मिल रही है। बाजार पर इसका मनोवैज्ञानिक असर पड़ने के संकेत मिल रहे हैं।
सोया तेल: अगस्त में सोयाबीन तेल का आयात 16 प्रतिशत बढ़ गया मगर 6-12 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान इसके घरेलू बाजार भाव में मजबूती बरकरार रही। त्यौहारी मांग भी निकलने लगी है। सोया रिफाइंड तेल के दाम में 70 रुपए प्रति 10 किलो तक का इजाफा हो गया। इसका भाव कोटा में 30 रुपए, हल्दिया में भी 30 रुपए तथा मुम्बई एवं कांडला में 50-50 रुपए बढ़ गया।
डीओसी: सोयामील का निर्यात प्रदर्शन बेहतर चल रहा है और ईरान तथा बांग्ला देश में इसकी मांग मजबूत देखी जा रही है। घरेलू फीड उद्योग में मांग कुछ कमजोर है। सोयाबीन की औसत दैनिक आवक 1.20-1.50 लाख बोरी के बीच हो रही है। शीघ्र ही नया माल भी मंडियों में पहुंचने वाला है। सरकार किसानों की चिंता समझ रही है और उसे दूर करने के लिए आवश्यक कदम भी उठा रही है।