मानव जीवन के रक्षार्थ देहदान ईश्वरीय कार्य के समान: बिरला

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स्पीकर बिरला ने महर्षि दधीचि जयंती पर किया देहदानियों का सम्मान

कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को महर्षि दधीचि छात्रावास समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देहदानियों को सम्मानित किया। महर्षि दधीचि जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि महायोगी महर्षि दधीचि का जीवन हमें त्याग, तपस्या एवं मानवता के मार्ग पर सदैव चलते रहने की प्रेरणा देता है। श्री महर्षि दधीचि जयंती महोत्सव को दधीचि समाजबंधु हर्षोल्लास से मनाया।

वे बुधवार को महर्षि दधीचि छात्रावास में आयोजित दधीचि जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महर्षि दधीचि ऐसे महादानी हुए, जिन्होंने धर्म की स्थापना व जगत कल्याण के लिए अपनी अस्थियां तक दान कर दीं। महर्षि दधीचि जी की जयंती के अवसर पर हमारे समाज की एकता, सहयोग, त्याग और मानवता के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है।

इस पावन अवसर पर, हम उन लोगों को सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने देहदान के माध्यम से समाज और मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन किया है। यह पुनीत कार्य न केवल हमारे लिए प्रेरणा है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है। समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस वर्ष जन्मी कन्या धात्री महिलाओं को भी चुनरी ओढ़ाकर सम्मानित किया। अध्यक्ष रवीन्द्र दधीचि ने लोकसभा अध्यक्ष से महर्षि दधीचि जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करवाने की मांग की। राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण शर्मा ने समाज की गतिविधियों के लिए कोटा समिति की प्रशंसा की।

एक समान पॉलिसी पर हो रहा काम
बिरला ने कहा कि मेडिकल साइंस के इस दौर में अंग दान किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो कई लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है। अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में एक जैसी पॉलिसी पर काम किया जा रहा है। सरकार ने भी अंगदान के लिए 65 वर्ष से कम आयु की आयु-सीमा को भी खत्म करने का फैसला लिया है। इस दौरान ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर व प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने भी संबोधित किया।

अंगदान व देहदान के संदेश के साथ निकली शोभायात्रा
सचिव निमेष पुरोहित ने सायं 6 बजे समाज बंधुओं ने सामूहिक रूप से एकत्रित होकर महर्षि दधीचि की भव्य शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा श्वेत अश्व पर समाज की पताका लिए प्रारंभ हुई, जिनके पीछे राधा-कृष्ण, भगवान हनुमान व शिव दरबार की झांकी चल रही थी। महर्षि दधीचि की जीवंत झांकी शोभायात्रा में चली। समाज बंधु मां दधिमती को पालकी में लेकर चल रहे थे। डीजे पर बजते मां दधिमति के गीतों के पीछे पुरुष व महिलाएं गुलाबी वस्त्र धारण किए हुए महर्षि दधीचि व मां दधिमति के जयकारे लगाते हुए चल रहे थीं। शोभायात्रा में देहदान व अंगदान को प्रोत्साहित करने वाले पोस्टर व बैनर भी लगाए गए थे।

यह हुए सम्मानित
सम्मान समारोह में हाड़ौती संभाग के 60 देहदानियों के परिवारों, 300 अंगदान व देहदान का संकल्प ले चुके लोगों व अंगदान व देहदान के लिए प्रेरित करने वाली संस्था शाइन इंडिया, कन्या जन्मदात्री 12 महिलाओं, समाज की खेलकूद व शैक्षणिक प्रतिभा, सेवानिवृत्त 24 व राजकीय सेवारत 5 लोगों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

108 यूनिट रक्त एकत्रित
अध्यक्ष रवीन्द्र जोशी ने बताया कि त्याग व दान की प्रतिमूर्ति देहदानी महर्षि दधीचि की जयंती पर समाज बंधु विधिवत विद्वान पंडितों के द्वारा हवन, पूजन व अभिषेक किया। इसके उपरांत आयोजित रक्तदान शिविर में 108 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।