एथनॉल निर्माताओं की मांग निकलने से मक्का की कीमतों में उछाल

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मुम्बई। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा है कि एथनॉल निर्माण के लिए मक्का की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में भारी तेजी आई है जिससे किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल रहा है।

हालांकि सरकार पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के खिलाफ नहीं है लेकिन भारत को कम खर्च, प्रदूषण मुक्त एवं स्वदेशी तौर पर निर्मित ईंधन की सख्त जरूरत है और साथ ही साथ विदेशों से पेट्रोलियम के आयात पर निर्भरता घटाने की आवश्यकता भी है इसलिए पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण का टारगेट ऊंचा रखा जा रहा है।

यह लक्ष्य अकेले गन्ना से निर्मित एथनॉल के जरिए हासिल नहीं हो सकता है और इसलिए अनाज आधारित एथनॉल का उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है। राजमार्ग मंत्री के अनुसार पिछले साल मक्का का भाव केवल 1200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी काफी नीचे था लेकिन अब एथनॉल निर्माण में खपत तेजी से बढ़ने के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश में इसका दाम उछलकर 2800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गया है।

सरकार ने 2024-25 के मार्केटिंग सीजन हेतु मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6.50 प्रतिशत बढ़ाकर 2225 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि इसका थोक मंडी भाव आगामी महीनों में भी इससे ऊपर रहने की संभावना है।

किसानों को पिछले साल की तुलना में अब दोगुने से ज्यादा ऊंचा मूल्य प्राप्त हो रहा है। चालू खरीफ सीजन में इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और इसलिए उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है। एथनॉल का उत्पादन बढ़ने पर पेट्रोलियम का आयात घटाने में सहायता मिलेगी। मक्का की नई फसल की कटाई-तैयारी अगले महीने से जोर पकड़ सकती है।