नई दिल्ली। Soybean price: नई फसल आने से पहले ही सोयाबीन की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसके भाव गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे चले गए हैं। पिछले साल की तुलना में सोयाबीन के भाव 15 फीसदी तक कम हैं। जानकारों के मुताबिक सोयाबीन के भाव आगे और गिर सकते हैं।
इन दिनों सोयाबीन के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। सोयाबीन के लिए बेंचमार्क मंडी मानी जाने वाली मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में पिछले एक माह के दौरान सोयाबीन के भाव 4,600 रुपये से घटकर 43,00 रुपये और दूसरे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की लातूर मंडी में इसके भाव 4,710 रुपये से घटकर 4,520 रुपये क्विंटल रह गए हैं।
सोयाबीन का एमएसपी 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह देखा जाए तो इस समय सोयाबीन एमएसपी से काफी नीचे बिक रही है। सोयाबीन के वर्तमान भाव पिछले साल इन दिनों के भाव से भी कम है। पिछले साल इन दिनों इंदौर में सोयाबीन के भाव 5,050 रुपये और लातूर में 5,120 रुपये प्रति क्विंटल थे।
सोयाबीन के भाव में गिरावट क्यों
कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने बताया कि सोयाबीन के भाव घटने की वजह चालू खरीफ सीजन में इसकी बोआई ज्यादा होना है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल सोयाबीन का रकबा 125.11 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछली समान अवधि के 123.85 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसान रोहित काशिव कहते हैं कि सोयाबीन की बोआई बढ़ने के साथ ही अभी तक फसल अच्छी स्थिति में है। इससे भी सोयाबीन के भाव घटे हैं। उन्होंने कहा कि नई फसल आने से पहले सोयाबीन के दाम घटकर एमएसपी से काफी नीचे आना किसानों के लिए चिंताजनक हैं। नई फसल आने पर भाव और घटेंगे। ऐसे में किसानों को नुकसान होगा।
पॉल भी मानते हैं कि सोयाबीन के भाव आगे घटकर 4,000 रुपये से नीचे जा सकते हैं। आवक बढ़ने से भी सोयाबीन की कीमतों में गिरावट को बल मिला है। जिंसों की आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक इस साल 21 जुलाई से 21 अगस्त के बीच मंडियों में करीब 3 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई है, पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा करीब 2.81 लाख टन था। जाहिर है इस साल इस अवधि में आवक में 8 फीसदी से ज्यादा वृद्धि हुई है।