12 फीसदी भारतीय मसालों की क्वालिटी खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं

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नई दिल्ली। हांगकांग तथा सिंगापुर में दो भारतीय कंपनियों के कुछ मसाला मिक्स उत्पादन की बिक्री को स्थगित किए जाने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने 4054 मसाला मिश्रण (ब्लेंड) की प्रयोगशाला जांच करवाई थी जिसमें से करीब 12 प्रतिशत सैम्पल गुणवत्ता एवं खाद्य सुरक्षा मानकों की कसौटी पर खरा नहीं उतरा।

ध्यान देने की बात है कि भारत दुनिया में मसालों का सबसे प्रमुख उत्पादक खपतकर्ता एवं निर्यातक देश है। एक रिपोर्ट के अनुसार मई से जुलाई के बीच प्राधिकरण ने मसाला मिश्रण के जिन 4054 सैम्पल का परीक्षण करवाया उसमें से 474 सैम्पल गुणवत्ता एवं खाद्य सुरक्षा के पैरामीटर्स के अनुरुप नहीं पाया गया।

उल्लेखनीय है कि हांगकांग प्रशासन ने दो भारतीय कंपनियों के कुछ मसाला मिक्स में एक हानिकारक रसायन का ऊंचा अंश पाए जाने के बाद अप्रैल में उसकी बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

इसके बाद सिंगापुर ने भी इसी तरह का निर्णय लिया था जबकि ऑस्ट्रेलिया एवं नेपाल सहित कुछ अन्य देशों ने नियमों को सख्त बनाने का प्रयास किया। अंतर्राष्ट्रीय एवं नेपाल सहित कुछ अन्य देशों ने नियमों को सख्त बनाने का प्रयास किया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय मसालों की साख, प्रतिष्ठा,

विश्वसनीयता एवं छवि पर होते आघात को देखते हुए प्राधिकरण ने देश के सभी ब्रांडेड मसालों की क्वालिटी जांचने का निर्णय लिया और फिर विभिन्न स्रोतों से इसका सैम्पल उठाना शुरू कर दिया।

हालांकि दोनों शीर्ष निर्यातक कंपनियों ने दावा किया था कि उसके मिक्स मसाले मानवीय खपत के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं लेकिन इंग्लैंड ने भारत से आयातित सभी मसालों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण नियम को सख्त बना दिया और न्यूजीलैंड, अमरीका तथा ऑस्ट्रेलिया ने भी संकेत दिया कि इस मामले पर गंभीरतापूर्वक गौर किया जा रहा है।

गौरतलब है कि जिन दो भारतीय कंपनियों के दो-तीन मसाला मिक्स के कारोबार पर रोक लगाई गई वह भारत में सबसे लोकप्रिय ब्रांड हैं और इसका निर्यात कारोबार एशिया तथा यूरोप से लेकर उत्तरी अफ्रीका महाद्वीप तक फैला हुआ है।