Gold Silver Price: सोना हुआ महंगा, चांदी सस्ती, जानिए आज के भाव

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नई दिल्ली। Gold Silver Price Today: अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में उछाल के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 73,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। मंगलवार को पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 72,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी की कीमत 300 रुपये की गिरावट के साथ 83,200 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी।

लगातार तीसरे सत्र में 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमतों में उछाल दिखा। इनकी कीमतें 300-300 रुपये बढ़कर क्रमश: 73,150 रुपये और 72,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं।

सर्राफा बाजार के कारोबारियों के अनुसार घरेलू मांग में तेजी आने और वैश्विक असर से सोने की कीमतों में तेजी आई। वैश्विक बाजार में कॉमेक्स पर सोना 4.50 डॉलर प्रति औंस की तेजी के साथ 2,512.30 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करता दिखा।

कमजोर डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के कारण कॉमेक्स पर सोना रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंचा और लगातार पांचवें सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ। ऐसा अमेरिकी उत्पादक मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी होने के बाद अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में गिरावट के कारण हुआ। कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला के अनुसार भू-राजनीतिक तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के लिए सोने की मांग बढ़ी है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी 27.98 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करती दिखी। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रास्फीति में कमी के संकेतों के कारण फेड से ब्याज दर में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के बीच अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट आई इससे सोने की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पास मजबूती से कारोबार कर रही हैं।

शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में एसोसिएट वीपी, फंडामेंटल करेंसीज एंड कमोडिटीज प्रवीण सिंह ने कहा, ” नरम मुद्रास्फीति के आंकड़ों से अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) की ब्याज दर में कटौती की संभावना बढ़ेगी और यह सोने की कीमतों के लिए सकारात्मक होगा।” सिंह ने कहा कि दूसरी ओर चीन की ओर से कमजोर मांग पीली धातु के लिए मंदी का संकेत है, हालांकि, निवेश मुख्य रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था और इसकी मौद्रिक नीति के फैसले पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।