मुंबई। सस्ते डेटा रेट, मल्टीमीडिया कंपनियों की एंट्री और अलग-अलग तरह के कॉन्टेंट की पेशकश के चलते यूट्यूब पर लोकल कॉन्टेंट हिट हो रहा है। 2017 में यूट्यूब पर 2017 में भारत से ऐसे चैनलों की संख्या 200 रही है जिन्होंने 10 लाख सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार किया है।
इस साल ही 145 चैनल ने यह उपलब्धि हासिल की है। इस तरह से इस आंकड़े में सालाना आधार पर पांच गुना का इजाफा हुआ है। रिलायंस जियो के लॉन्च और इसके बाद डेटा प्राइसेज में गिरावट से भारत में औसत मोबाइल इंटरनेट यूजर हर महीने 4 जीबी डेटा की खपत कर रहा है।
डेटा कंजम्पशन के 2020 तक बढ़कर 11 जीबी पर पहुंच जाने की उम्मीद के साथ ऑनलाइन विडियो स्ट्रीमिंग सर्विसेज एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। यूट्यूब इंडिया के एंटरटेनमेंट हेड, सत्य राघवन ने कहा, ’40 करोड़ भारतीयों की इंटरनेट तक पहुंच होने के साथ इनमें से आधे से ज्यादा लोग यूट्यूब देखते हैं।
ऐप एनी डेटा के मुताबिक, सितंबर में यूट्यूब के 22.5 करोड़ मंथली ऐक्टिव यूजर्स थे।’ यूट्यूब के वॉच-टाइम और यूजर्स की संख्या में ही बड़ा उछाल नहीं आया है, बल्कि इस पर भारतीय कॉन्टेंट क्रिएटर इकोसिस्टम के लिहाज से अच्छी बढ़त देखी गई है। कुल 80 भारतीय क्रिएटर-आधारित और ऑरिजनल यूट्यूबफर्स्ट चैनल्स ने 10 लाख सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार किया है।
राघवन ने कहा, ‘प्रत्येक सप्ताह हमें 10 लाख की सीमा को पार करने वाले तीन नए चैनल्स मिल रहे हैं। यह एक अच्छी तेजी है क्योंकि कुछ साल पहले इस तरह के केवल 2-3 क्रिएटर आधारित चैनल्स होते थे जो कि 10 लाख सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार कर पाते थे।’
उदाहरण के लिए, इस साल 106 साल की दादी ने यूट्यूब पर धमाल मचा दिया। उन्होंने अपने गांव के खाने की रेसिपीज को दुनिया के साथ शेयर किया। इन बुजुर्ग महिला के अब 750 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और उनकी रेसिपीज को औसत 1 करोड़ व्यू मिलते हैं।
राघवन ने कहा, ‘यूट्यूब तेजी से भारत का पॉप-कल्चर बन रहा है। फूड, कॉमिडी और ब्यूटी जैसे सेगमेंट के सब-सेगमेंट में इसकी जबरदस्त ग्रोथ हो रही है।’
यूट्यूब के टॉप 10 देशों में भारत सबसे तेज रफ्तार से ग्रोथ कर रहा है। यह कुल वॉच टाइम और मोबाइल वॉच टाइम दोनों के मामले में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। भारत उन चुनिंदा देशों में है जहां 80 पर्सेंट वॉच टाइम मोबाइल डिवाइसेज पर बिताया जा रहा है।