ऑंखें खोलकर चलोगे तो जीवन एक्सीलेण्ट होगा- आदित्य सागर महाराज

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कोटा। चंद्र प्रभु दिगम्बर जैन समाज समिति की ओर से जैन मंदिर रिद्धि- सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में आयोजित चातुर्मास के अवसर पर मंगलवार को आदित्य सागर महाराज ने कहा कि मनुष्य बड़ा विचित्र प्राणी है। वह अपने घर का पता दूसरों से पूछता है। अपना जीवन दूसरों के लिए खर्च करता है। वह अपने लिए कुछ नहीं करता है।

उन्होंने कहा कि जीवन का बडा हिस्सा दूसरों के लिए खर्च कर देता है। खुद को समय नहीं देता है। बचपन में उसे लोग खिलाते हैं। जवानी में पति- पत्नि का होकर रहता है। फिर संतान के लिए पूरा जीवन लगा देता है और अंत में पोते व नाती के लिए कभी घोड़ा, हाथी व गधा बनकर इस संसार से चला जाता है। मनुष्य स्वयं के लिए नहीं जीता है व दूसरों के लिए जीता है। इस संसार में उस चीज को एकत्रित करने में व्यस्त है, जो उसके साथ नहीं जाएगी।

उन्होंने कहा कि इंसान पीढियों के लिए धन कमाने में व्यस्त है। अपने वर्तमान व भविष्य को ईएमआई में गिरवी रख देता है। जो मनुष्य खुद को समय नहीं देता वह खुद के लिए न्याय नहीं कर रहा है। इसलिए आंखे खोल कर देखें आपके मरते ही, आंखे बंद होते ही लोग आपकों भूल जाते हैं। आंखो खोलकर समझें कि खुद के लिए जीवन में स्वाध्याय को बढायें, क्योकि आंखे बंद रखकर चले तो एक्सीडेंट होना तय है और खोलकर चलें तो जीवन मे एक्सीलेण्ट हो जाएगा।

इस अवसर पर सकल समाज के संरक्षक राजमल पाटौदी, अध्यक्ष विमल जैन नांता, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी, मंत्री पारस बज, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, रिद्धि- सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला सहित कई शहरों के श्रावक उपस्थित रहे।