नई दिल्ली। अगर आपको बहुत सारे स्पैम कॉल आ रहे हैं और आप सोच रहे हैं कि इन कॉल करने वालों को आपकी पर्सनल डिटेल कहां से मिली, तो आप गूगल की डार्क वेब रिपोर्ट का उपयोग करके चेक कर सकते हैं कि आपका डेटा डार्क वेब पर उपलब्ध है या नहीं।
वर्तमान में, भारत में पर्सनल डेटा की सुरक्षा या इन कंपनियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कोई कानून नहीं है। इसका मतलब है कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आपका पर्सनल डेटा डार्क वेब पर उपलब्ध हो सकता है।
शॉपिंग करना हो, टैक्सी बुक करना हो, पेमेंट करना हो, फूड ऑर्डर करना हो या रिचार्ज करना हो, हर काम के लिए कोई न कोई ऐप मौजूद हैं। प्ले स्टोर पर लाखों ऐप्स मौजूद हैं, जिन्हें आप अलग-अलग कामों के लिए यूज कर सकते हैं।
इन ऐप्स को बेहतर सर्विस देने के लिए यूजर की पर्सनल डिटेल्स की जरूरत होती है, जैसे कि नाम, पता, फोन नंबर, ईमेल एड्रेस और जन्मतिथि और बहुत कुछ। कंपनियां आमतौर पर अपने ग्राहकों का पर्सनल डेटा अपने सर्वर पर स्टोर करती हैं।
साइबर अपराधी लगातार इन सर्वर से डेटा चुराने की कोशिश करते हैं ताकि डार्क वेब पर इन्हें बेचा जा सके। ऐसे में कई बार सर्वर में सेंधमारी हो जाती है और डेटा लीक हो जाता है। कई कंपनियां को भी प्रोडक्ट और सर्विसेस लोगों तक पहुंचाने के लिए लोगों के डेटा की जरूरत होती है और ऐसे में वे डार्क वेब से डेटा खरीदती हैं।
गूगल की डार्क वेब रिपोर्ट आपकी पर्सनल डिटेल को खोजने के लिए डार्क वेब को स्कैन करती है और आपको संभावित सोर्स दिखाती है जहां से आपका डेटा लीक हो सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप डार्क वेब पर कैसे अपनी पर्सनल डिटेल चेक कर सकते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस फीचर को यूज करने के लिए आपको अपने गूगल अकाउंट में साइन इन होना होगा। यहां हम आपको ईमेल एड्रेस, पर्सनल डिटेल के लिए डार्क वेब स्कैन करने की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड बता रहे हैं:
- Google One dark web report
- “डार्क वेब रिपोर्ट” के अंदर “Try now” पर क्लिक करें।
- Google One dark web report
- अब “Run scan” पर क्लिक करें।
Google One dark web report - अगर गूगल को डार्क वेब पर आपकी जानकारी मिलती है, तो डेटा ब्रीच के संभावित सोर्स को देखने के लिए ‘view all results’ पर क्लिक करें।
Google One dark web report