Wheat Price: मंडियों में आपूर्ति कम होने से गेहूं का भाव मजबूत रहने का अनुमान

0
32

नई दिल्ली। Wheat Price: सरकारी स्तर पर गेहूं की खरीद का मार्केटिंग सीजन 30 जून को समाप्त हुआ है मगर प्रमुख थोक मंडियों में एवं क्रय केन्द्रों पर इसकी आवक काफी पहले ही घटनी शुरू हो गई थी।

कंद्रीय कृषि मंत्रालय ने गेहूं का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के 1105.50 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर से भी बढ़कर 2023-24 के रबी सीजन में 1129.20 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है।

मंडियों हुई आवक तथा सरकारी खरीद के आंकड़ों से नहीं लगता है कि देश में गेहूं का इतना विशाल उत्पादन हुआ है। वैसे भी उद्योग व्यापार क्षेत्र ने गेहूं का वास्तविक उत्पादन 1040-1050 लाख टन से ज्यादा नहीं होने की संभावना व्यक्त की है।

गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतें में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने स्टॉक सीमा का सहारा मिला है लेकिन इसका ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है। व्यापारियों / स्टॉकिस्टों, मिलर्स प्रोसेसर्स तथा बिग चेन रिटेलर्स के पास गेहूं का सीमित स्टॉक मौजूद है।

मिलर्स / प्रोसेसर्स तो सरकार से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की साप्ताहिक नीलामी जल्दी से जल्दी आरंभ करने तथा गेहूं पर लगे 40 प्रतिशत के आयात शुल्क को वापस लेने का आग्रह कर रहे हैं ताकि उन्हें उचित मात्रा में इस अनाज का स्टॉक प्राप्त हो सके लेकिन सरकार फिलहाल इन दोनों मांगों को स्वीकार करने से हिचक रही है।

सरकारी गोदामों में 295 लाख टन से अधिक गेहूं का स्टॉक मौजूद है जबी पीडीएस सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं में तथा विशेष दायित्व के तहत 184 लाख टन गेहूं के वितरण की जरूरत पड़ेगी।

इसके बाद भी उसके पास गेहूं का अच्छा खासा स्टॉक उपलब्ध रहेगा। लेकिन सरकार अभी दुविधा में है। उसे लगता है कि अभी गेहूं की आपूर्ति का सीजन पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। जब अक्टूबर नवम्बर में आपूर्ति का लीन या ऑफ सीजन आरंभ होगा तब ओएमएसएस को शुरू करना अच्छा रहेगा क्योंकि जनवरी से मार्च तक इसकी भारी मांग निकल सकती है।