Jeera Price: घरेलू एवं निर्यात मांग मजबूत रहने से जीरे के भाव तेज होने का अनुमान

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राजकोट। Jeera Price: शानदार उत्पादन के बावजूद जीरा का घरेलू बाजार भाव एक बार फिर ऊंचा एवं तेज होने लगा है क्योंकि एक तरफ बड़े-बड़े उत्पादकों एवं डीलर्स द्वारा माल का स्टॉक रोके जाने से प्रमुख मंडियों में इसकी आपूर्ति सीमित मात्रा में हो रही है तो दूसरी ओर इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग काफी मजबूत बनी हुई है।

पिछले साल जीरा का भाव तेजी से उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था और फिर घटते हुए सामान्य स्तर पर आ गया था। अब पुनः इसमें तेजी की सुगबुगाहट देखी जा रही है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार आगे दाम बढ़ने की उम्मीद से उत्पादकों ने जीरे का स्टॉक रोकना शुरू कर दिया है जबकि वैश्विक बजार में बढ़ती मांग मजबूत बनी हुई है।

जुलाई से सितम्बर तक भारत को जीरा के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात बाजार में सीरिया, अफगांसितां एवं तुर्की जैसे देशों की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा मगर अक्टूबर तक भारतीय जीरे का भाव बढ़कर 36,000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच सकता है।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2023 में जीरे का दाम उछलकर 64,000 रुपए प्रति क्विंटल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था मगर चालू वर्ष में इस स्तर तक कीमतों का पहुंचना मुश्किल है। अक्टूबर 2024 से जीरे की नई फसल के लिए बिजाई शुरू हो जाएगी। एक विश्लेषक के अनुसार अगले दो महीने के जीरे का दाम बढ़कर 35,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है।

हालांकि देश में जीरा का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है मगर प्रमुख मंडियों में इसकी आपूर्ति घटनी शुरू हो गई है। उत्पादकों द्वारा अभी तक केवल 50 प्रतिशत जीरे की निकासी (बिक्री) की गई है जबकि शेष 50 प्रतिशत स्टॉक उसके पास सुरक्षित है।

अप्रैल से अब तक जीरा का वायदा भाव 26 प्रतिशत बढ़कर 29,500 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा है। उधर गुजरात की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में जीरा का दाम 27,900-29700 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है जिसमें आगे और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।

उधर, भारतीय जीरे के प्रमुख आयातक देश- चीन में इस बार घरेलू फसल काफी कमर होने से आयातकों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। व्यापार विश्लेषक के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस बार चीन में जीरा के उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की जोरदार गिरावट आई है।

चालू वित्त वर्ष के प्रथम माह यानी अप्रैल 2024 के दौरान भारत से जीरा के निर्यात में 133 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई । इसके तहत चीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मोरक्को तथा अफगानिस्तान जैसे देशों को भारत से भारी मात्रा में जीरे का निर्यात किया गया। विश्लेषकों के मुताबिक पिछले साल भारतीय जीरे का निर्यात प्रदर्शन कमजोर रहा था लेकिन चालू वर्ष के दौरान शानदार उत्पादन, बेहतर स्टॉक एवं प्रतिस्पर्धी अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य के कारण इसके निर्यात शिपमेंट में भारी इजाफा होने के आसार हैं।

गत वर्ष जब भारतीय जीरे का भाव अत्यन्त ऊंचा एवं तेज हो गया था तब ईरान, यूएई, अमरीका एवं बांग्ला देश जैसे महत्वपूर्ण एवं परम्परागत खरीदार तुर्की, चीन एवं सीरिया की तरफ मुड़ गए थे। स्वयं भारत को चीन से इस महत्वपूर्ण मसाले का आयात बढ़ाने के लिए विवश होना पड़ा था।

लेकिन चालू वर्ष के दौरान भारतीय जीरे का भाव घटकर सामान्य स्तर पर आने तथा स्टॉक ज्यादा रहने से इसकी निर्यात मांग पुनः बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। आगे इसमें और बढ़ोत्तरी हो सकती है।

जोधपुर के एक अग्रणी व्यापारी के अनुसार वैश्विक बाजार में जीरा का भाव फिलहाल 3600-4000 डॉलर प्रति टन के बीच चल रहा है जो भारतीय जीरे के दाम से ऊंचा है इसलिए उसकी मांग काफी मजबूत बनी हुई है।

जीरा की अगली नई फसल सात आठ माह से पहले नहीं आने वाली है इसलिए कीमतों को आगे और समर्थन मिल सकता है। सीरिया एवं तुर्की में इस महीने से नया जीरा आने की संभावना है।