नई दिल्ली। GST Collection: जून महीने में कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्राप्तियां 7.7 फीसदी बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये रही। हालांकि अप्रैल और मई की तुलना में जीएसटी संग्रह की सालाना वृद्धि में थोड़ी कमी आई है।
अप्रैल में जीएसटी संग्रह 12.4 फीसदी और मई में 10 फीसदी बढ़ा था। जून में मई की तुलना में भी जीएसटी संग्रह की वृद्धि सपाट रही। मई में 1.73 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मिला था और अप्रैल 2023 में सबसे ज्यादा 1.87 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह हुआ था।
सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार को जीएसटी से अभी तक कुल 5.57 लाख करोड़ रुपये मिल चुके हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी संग्रह की वृद्धि पिछले महीनों की तरह नहीं रही और इसके पीछे कई कारण हैं। मगर जीएसटी प्राप्तियों में आने वाले महीनों में भी बढ़ोतरी जारी रहेगी और सकल जीएसटी संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना रह सकता है।’
केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी संग्रह के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन समझा जाता है कि कुल 1.74 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी 39,586 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी प्राप्तियां 33,548 करोड़ रुपये रही।
यह संयोग ही है कि जून महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े इस नई कर व्यवस्था के देश में लागू होने की 7वीं वर्षगांठ पर आए हैं। वित्त मंत्रालय ने अब से कर संग्रह के विस्तृत आंकड़े जारी नहीं करने का निर्णय किया है।
उक्त अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी व्यवस्था में व्यापक तौर पर स्थायित्व आया है और विस्तृत आंकड़े जारी नहीं करने के पीछे यह एक वजह रही होगी।’ पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, ‘जून में जीएसटी संग्रह में वृद्धि मई की तुलना में कम प्रतीत होती है मगर पिछले कुछ महीनों से कुल जीएसटी प्राप्तियां उत्साहजनक रही हैं।’
उद्योग को उम्मीद है कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि जीएसटी परिषद को दर को युक्तिसंगत बनाने के लिए प्रेरित करेगी, जैसा कि परिषद ने पिछली बैठक में संकेत दिया था। ईवाई में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, ‘समय पर ऑडिट, जांच के उपाय और विभाग द्वारा प्रभावी प्रवर्तन से कर संग्रह बढ़ाने में मदद मिली है।’
जीएसटी के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जीएसटी लागू होने के बाद घरेलू सामानों पर कर की दरें कम होने से घरेलू उपकरणों और मोबाइल फोन पर कम जीएसटी के माध्यम से हर घर को खुशी और राहत मिली है।’
वित्त मंत्रालय ने कहा कि छोटे करदाताओं के लिए अनुपालन बोझ कम कर दिया गया है। जीएसटी परिषद ने वित्त वर्ष 2023-24 में दो करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाले करदाताओं के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की जरूरत खत्म करने की सिफारिश की है।