ओम बिरला के पुन: लोकसभा अध्यक्ष बनने पर कोटा में हर्ष की लहर

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18वीं लोकसभा को मिला कुशल व कर्मठ अध्यक्ष : राजेश बिरला

कोटा। राजस्थान का गौरव बढाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के पद पर पुन: आसीन होने वाले ओम बिरला ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। लोकसभा अध्यक्ष पर ध्वनिमत से विजय होते ही कोटा में हर्ष का माहौल दिखा। जनता ने आतिशबाजी कर मिठाई बांटी।

उनके अग्रज इण्डियन रेडक्रॉस अध्यक्ष के स्टेट प्रसीडेंट राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि यह ओम बिरला की कर्मठता, निष्ठा, लग्न, मेहनत और परिश्रम का फल है। 17वीं लोकसभा में उनका कार्यकाल सर्वश्रेष्ठ रहा और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वह पहली पसंद बने।

6 चुनाव में अजेय
राजेशकृष्ण बिरला ने बताया कि ओम बिरला ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत जिला अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा (1987-91) से की। फिर प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान राज्य (1991-1997), राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा (1997-2003) में बने।

अपने पहले विधानसभा चुनाव में ओम बिरला ने कोटा विधान सभा सीट से 2003 में कद्दावर कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल को 10101 वोट से हराया और अपनी छाप राजस्थान की राजनीति में छोडी। दूसरे चुनाव में वर्ष 2008 में कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हराकर जीत का परचम लहराया। दक्षिण विधान सभा सीट को भाजपा का गढ बनाते हुए अपने तीसरे चुनाव में वर्ष 2013 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीसीसी महासचिव पंकज मेहता को 49439 वोट के मार्जन से हराया।

लोकसभा में अपनी पारी की शुरुआत करते हुए ओम बिरला ने कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से वर्ष 2014 में 2009 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी से सांसद इज्यराज सिंह को वोट 2 लाख 782 वोट से हराया। वहीं वर्ष 2019 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा विधायक रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोट से हराकर विजय हासिल की और वर्ष 2024 भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को 42 हजार वोट से हराया कर 6 बार के चुनाव में अजेय रिकॉर्ड बनाया है। कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी जी के बाद लगातार तीन विधान सभा और तीन लोक सभा चुनाव जीतने वाले पहले जनप्रतिनिधि है।

17वीं लोकसभा में रिकॉर्ड कार्य
राजेश कृष्ण बिरला ने बताया कि 17वीं लोकसभा में ओम बिरला का कार्य प्रशंसनीय रहा। उनकी कर्मठता व कार्यकुशलता को देखते हुए प्रधानमंत्री की वह पहली पसंद बने। उन्होंने 17वीं लोकसभा में नए सदन का निर्माण करवाया। 17वीं लोक सभा की उत्पादकता 97% रही जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक रही। जिससे संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई। 17वीं लोक सभा के दौरान विधेयकों पर कुल 440.54 घंटे चर्चा व 222 विधेयक कानून बनें जो पिछली चार लोक सभा में सर्वाधिक है।

पहले सत्र के दौरान 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के दौरान सदस्यों को 161 विषय उठाने का अवसर दिया गया जो लोक सभा के इतिहास में किसी एक दिन का रिकॉर्ड है और शून्य काल में उठाए गए विषयों पर भी माननीय सांसदों को उत्तर दिलवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई। संसद में 1854 से 2024 तक हुई चर्चाओं का डिजिटलाइजेशन कर उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया गया है।

17वीं लोकसभा देश के लिए कई मायनों अहम रही जहां ओम बिरला ने देश के विकास के कई बिल पास किए। जिसमें जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 (धारा 370), नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (सीएए), मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 (ट्रिपल तलाक), चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021,भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023, डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण सहित कई कानून पास करवाए।

देशों के साथ संबंधों में सुधार
ओम बिरला ने अन्तरराष्ट्रीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई है। आईपीयू, कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन और इन जैसे अनेक महत्वपूर्ण मंचों पर ओम बिरला ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की गौरवशाली संस्कृति का मान बढ़ाया। मालदीव, युगांडा, सर्बिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इटली, वियतनाम, कम्बोडिया, सिंगापुर, मैक्सिको, सूरिनाम, इण्डोनेशिया, केन्या, तंजानिया, मंगोलिया, संयुक्त अरब अमिरात और बहरीन की यात्रा कर भारत के साथ नजदीकी बढाई। अर्मेनिया, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपियन संसद, फ्रांस मैक्सिको, डेनमार्क, जर्मनी, कनाडा, वियतनाम, दक्षिण सूडान, इजराइल, भूटान, जाम्बिया, नेपाल, सूरिनाम से आए संसदीय शिष्टमंडलों की मेजबानी भी की।

जी—20 का आयोजन
ओम बिरला की अध्यक्षता में जी-20 देशों की संसदों (पार्लियामेंट) का पी-20 सम्मेलन 13 और 14 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि परिसर में आयोजित किया गया।ओम बिरला के मार्गदर्शन में संयुक्त वक्तव्य पर आम सहमति बनना सम्मेलन की गौरवशाली उपलब्धि रही। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए आयोजित पी-20 सम्मेलन अब तक का सबसे सफल आयोजन रहा।