अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ की रिश्वत मांगी, न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ी

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नई दिल्ली। Liquor Scam Case: दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।

इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने AAP नेता के खिलाफ कई आरोप लगाए और कहा कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। जांच एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि रिश्वत के आरोप केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से लगाए गए थे।

अरविंद केजरीवाल फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें अब रद्द की जा चुकी दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने इस साल मार्च में गिरफ्तार किया था।

पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में भी दावा किया था कि उसके पास ऐसे सबूत हैं जो दिखाते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने रिश्वत के तौर पर 100 करोड़ रुपये की डिमांड की थी।

तब ईडी की तरफ से शीर्ष अदालत में पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने दावा किया था कि रिश्वत को अगड़ियों के जरिए गोवा भेजा गया जिसका इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने राज्य के विधानसभा चुनाव में किया था। हालांकि, तब सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ये एक ‘परिस्थितिजन्य साक्ष्य’ है।

केजरीवाल ने 100 करोड़ की रिश्वत मांगी
अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने मई में सुप्रीम कोर्ट में जो दावे किए थे, उन्हीं दावों को राउज एवेन्यू कोर्ट में भी दोहराया। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘यह मामला उनकी भूमिका पर निर्भर करता है।’ केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में मौजूद थे। राजू ने दलील दी कि अदालत ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया समेत सह-आरोपियों की जमानत याचिका खारिज होना दिखाता है कि अदालत मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप को स्वीकार कर रही है।