संयुक्त राष्ट्र ने 2024 के लिए भारत के GDP ग्रोथ अनुमान को बढ़ाया

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नई दिल्ली। GDP Of India: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने साल 2024 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर (India’s economic growth rate) के अनुमान को बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। इससे पहले UN ने जनवरी में 2024 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीले निजी उपभोग के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहेगी। संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को ‘2024 के मध्य तक विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाओं’ पर रिपोर्ट जारी की।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) के आर्थिक विश्लेषण एवं नीति प्रभाग में वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा के प्रमुख हामिद राशिद ने बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों कहा, ‘‘भारत को अन्य पश्चिमी स्रोतों से भारत में आने वाले अधिक निवेश से भी लाभ हो रहा है, क्योंकि चीन में कम से कम विदेशी निवेश जा रहा है। भारत कई पश्चिमी कंपनियों के लिए एक वैकल्पिक निवेश स्रोत या गंतव्य बन गया है। मुझे लगता है कि इससे भारत को फायदा हो रहा है।”

वर्ष 2024 के मध्य तक ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति व संभावनाओं’ संबंधी गुरुवार को जारी आंकड़ों में कहा गया, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.9 प्रतिशत और 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत से प्रेरित है। हालांकि, कमजोर बाहरी मांग का व्यापारिक निर्यात वृद्धि पर असर जारी रहेगा, औषधि और रसायनों के निर्यात में जोरदार वृद्धि की उम्मीद है।”

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व अर्थव्यवस्था के 2024 में 2.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है। यह अमेरिका और ब्राजील, भारत तथा रूस सहित कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बेहतर प्रदर्शन की ओर भी इशारा करता है।

संरा के ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं 2024’ के मध्य-वर्ष के ताजा अनुमानों के अनुसार, विश्व अर्थव्यवस्था इस वर्ष 2.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। जनवरी की रिपोर्ट में उसने इसके 2.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया था।

रिपोर्ट में कहा गया, 2025 में 2.8 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद है। 2024 की 2.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान 2023 में वृद्धि के बराबर है, हालांकि 2020 में कोविड-19 वैश्विक महामारी शुरू होने से पहले की तीन प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक विश्लेषण व नीति प्रभाग के निदेशक शांतनु मुखर्जी ने रिपोर्ट पेश करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हमारा अनुमान महत्वपूर्ण चेतावनियों के साथ आशावाद से भरा है।’’

रिपोर्ट में लंबी अवधि तक ऊंची ब्याज दरों, कर्ज चुकाने की चुनौतियों, जारी भू-राजनीतिक तनाव तथा खासकर दुनिया के सबसे गरीब देशों व छोटे द्वीप देशों के लिए जलवायु जोखिमों की ओर इशारा किया गया है। मुखर्जी ने कहा कि मुद्रास्फीति जो 2023 के अपने चरम से नीचे है वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘‘ अंतर्निहित कमजोरी का एक कारक’’ है….

संयुक्त राष्ट्र के ताजा अनुमान के अनुसार, 2024 में अमेरिका में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो वर्ष की शुरुआत में 1.4 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। चीन के लिए जनवरी में 4.7 प्रतिशत के मुकाबले 4.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।