दालों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए मंडियों का दौरा करेंगी सरकारी टीमें

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार दालों की महंगाई से राहत दिलाने के लिए सक्रिय हो गई है। सरकार ने दालों के स्टॉक पर सख्त निगरानी रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने अपने अधिकारियों को मंडियों में दलहन के स्टॉक की जानकारी लेने और जांच करने भेजा है। जिससे पता चल सके कि कहीं जमाखोरी के कारण दालों के दाम तो नहीं बढ़ रहे हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पिछले सप्ताह दलहनों के स्टॉक की स्थिति व भाव समेत अन्य आकलन के लिए अधिकारियों की दो टीमों को महाराष्ट्र भेजने का निर्णय लिया था। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक इस निर्णय के बाद पहली टीम लातूर और सोलापुर पहुंच चुकी हैं और ये टीम शुक्रवार तक मंडियों का दौरा कर दाल व दलहनों के स्टॉक व दाम के बारे में पता करेगी।

दूसरी टीम शुक्रवार को मुंबई जाने वाली है। ये दोनों टीमें महाराष्ट्र के अंदर विभिन्न मंडियों में दालों और दलहनों के भाव के साथ ही बिग चेन रिटेलर, डीलर्स, आयातक, मिलर्स, स्टॉकिस्ट व कारोबारियों द्वारा घोषित दलहनों के स्टॉक के सत्यापन हेतु राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी हासिल करेंगी। केंद्र सरकार राज्य सरकारों को पहले ही कह चुकी है कि वे कारोबारियों को हर सप्ताह दलहन व दालों के स्टॉक की घोषणा करने के निर्देश दें।

दालों के खुदरा भाव 30 फीसदी तक बढ़े
देश में इस साल खासकर अरहर व उड़द दाल के भाव में काफी तेजी देखी जा रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में दालों के खुदरा भाव 35 रुपये किलो तक ज्यादा हैं। साल भर में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत करीब 35 रुपये बढ़कर 152 रुपये, उड़द दाल की 15 रुपये बढ़कर 124 रुपये, मूंग दाल की 9 रुपये बढ़कर 117 रुपये और चना दाल की 10 रुपये बढ़कर 84 रुपये किलो हो गई है। मसूर दाल के औसत खुदरा भाव पिछले साल के बराबर ही है।