Lok Sabha Election: कोटा के चुनावी रण में व्यंग बाण की शुरुआत, अब होगी बौछार

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राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रख्यात ओजस्वी कविता-” याचना नहीं अब रण होगा। संघर्ष महा भीषण होगा।….. कविता की इन पंक्तियों के अंकन के बाद भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने और फ़िर अपक्षाओं के अनुरूप प्रहलाद गुंजल को कोटा-बूंदी संसदीय सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद चुनावी प्रचार के महज राजनीति के दायरे तक सीमित नहीं रहने की जो आशंका जताई जा रही थी, वह सही साबित होती नजर आ रही है।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
Lok Sabha Election 2024: कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के बाद अब बारी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ओम बिरला की है, जो तीन मार्च को कोटा में अपना नामांकन भरने के दौरान अपने पीछे निहीत जन शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।

कोटा-बूंदी सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के 30 मार्च को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और दोनों जिलों के सभी निर्वाचित विधायकों और पराजित कांग्रेस प्रत्याशियों सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अपार जनसमूह के साथ नामांकन रैली निकालकर अपनी जनशक्ति का प्रदर्शन किया था।

भारतीय जनता पार्टी में रहते समय आम तौर पर ऐसी रैलियां निकालकर या बड़ी सभाएं करके प्रहलाद गुंजल अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते रहे हैं। खासतौर से तब जब ऐसे किसी मौके पर होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे मौजूद रहने वाली है, जिनके वे प्रबल समर्थक रहे हैं।

लेकिन तब जुटाई जाने वाली ऐसी भीड़ में एक जाति विशेष के लोगों का बाहुल्य स्पष्ट प्रतीत हो जाता था, जो कोटा के आसपास के गांव से ही नहीं बल्कि सीमावर्ती गैर संसदीय क्षेत्र के जिलों से भी लाकर खड़े कर दिए जाते रहे थे। लेकिन शनिवार की रैली इस छाप के विपरीत थी, जिसमें विभिन्न जातियों के ही नहीं बल्कि विभिन्न समुदाय के लोगों ने स्वत: उत्साह के साथ भाग लिया।

इसके अतिरिक्त खास बात यह है कि प्रहलाद गुंजल की पैतृक पार्टी भारतीय जनता पार्टी में मौजूद उनके कट्टर समर्थकों के अलावा उस कांग्रेस पार्टी के सबसे अधिक समर्थक मौजूद थे, जिसमें हाल ही में वे शरीक हुए हैं और उस पार्टी के कोटा, बूंदी जिलों के सभी दिग्गज नेता कार्यक्रम में मंचासीन थे।

अब इस तर्ज पर कोटा-बूंदी संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ओम बिरला और उनके समर्थक नेता-कार्यकर्ता 3 अप्रैल की प्रस्तावित रैली में भारी भीड़ जुटाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें दूरदराज के कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों को लाने के लिए बसों और अन्य परिवहन के संसाधन जमा करने के भरसक प्रयास जारी है। ओम बिरला की छवि बड़े नेता की होने के कारण कोटा-बूंदी जिलों के अलावा अन्य इलाकों से भी लोग लाए जा सकते हैं जिसकी तैयारियां अंतिम दौर में है।

भाजपा प्रत्याशी की यह रैली निर्वाचन विभाग प्रशासन के निर्धारित मार्ग महाराव भीमसिंह स्टेडियम से रवाना होकर कलक्ट्री पहुंचेगी, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा सहित कई अन्य मंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है।
राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रख्यात ओजस्वी कविता-” याचना नहीं अब रण होगा। संघर्ष महा भीषण होगा।….. आखिर तू भूशाही होगा। हिंसा का पर दायी होगा। अंत यहीं अब तेरा है। संघर्ष महा भीषण होगा। ”

इन शब्दों को अपनी सोशल मीडिया पर डालकर अब केवल मोदी परिवार रह गई। भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होकर कोटा-बूंदी सीट से चुनाव समर में उतरने के बाद ही इस संवाददाता की पहली रिपोर्ट में कहा गया था कि अब यह चुनावी संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं लेकर व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के दौर तक पहुंचने वाला है। यानी व्यक्तिगत स्तर पर कीचड़ उछालने का काम होगा और आशंका सही निकली।

हालांकि इसकी शुरुआत दोनों ही प्रत्याशियों ने नहीं की बल्कि भाजपा प्रत्याशी के एक भाई ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक में करीब चार दशक पहले प्रहलाद गुंजल के छात्र जीवन में मुफ़लिसी के दिनों को लेकर ऐसे व्यंग बाण छोड़े जो किसी से भी मन में जुगुप्सा पैदा करने वाले हो सकते हैं कि कोई किस तरीके से किसी की माली हालत को उपहास का विषय बना सकता है।

तब के प्रहलाद गुंजल के कपड़ों और उनकी टूटी हुई साइकिल को मजाक का विषय बनाया गया, जिसके जवाब में कम से कम फिलहाल तो प्रहलाद गुंजल ने अपने स्वभाव के विपरीत सौम्य प्रतिक्रिया दी है कि-” इन ओछे बयानों का मैं नहीं 26 अप्रैल को मतदाता जवाब देगा कि मैं कौन से और किसके पुराने कपड़े पहनता था? “

कोटा संभाग की एक और संसदीय सीट झालावाड़-बारां में भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी 3 अप्रैल को ही अपना नामांकन भरेंगे। 4 अप्रैल नामांकन भरने की अंतिम तिथि है। हालांकि झालावाड़ में तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दुष्यंत सिंह की ओर से विशाल नामांकन रैली निकालकर शक्ति परीक्षण की तैयारी है। जिसमें दो बार की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे प्रमुख रूप से शामिल होगी, जो इस बार पूरी तरह से अपने पुत्र दुष्यंत सिंह की चुनाव कमान को संभाले हुए हैं।

फिलहाल कांग्रेस की प्रत्याशी श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने ऐसे किसी शक्ति परीक्षण से इनकार किया है। वे सामान्य रूप से जिला कलक्ट्री पहुंचेंगी और अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगी।