मुम्बई । हालांकि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) का आंकड़ा मध्य फरवरी में सामने आएगा लेकिन उससे पूर्व उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने जो अनुमान व्यक्त किया है उससे पता चलता है कि जनवरी 2024 के दौरान भारत में पाम तेल का आयात घटकर गत तीन माह के निचले स्तर पर आ गया।
क्योंकि क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के लिए रिफाइनिंग मार्जिन ऋणात्मक होने से रिफाइनर्स द्वारा क्रूड सोयाबीन तेल की खरीद पर विशेष ध्यान दिया गया जिससे इसके आयात में अच्छी बढ़ोत्तरी हो गई।
उद्योग व्यापार समीक्षकों के अनुसार दिसम्बर 2023 की तुलना में जनवरी 2024 के दौरान भारत में पाम तेल का कुल आयात 12 प्रतिशत घटकर 7.87 लाख टन के करीब रह गया। इसके तहत खासकर सीपीओ का आयात 16 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 5.41 लाख टन के करीब सिमट गया। एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार आरबीडी पामोलीन के मुकाबले क्रूड पाम तेल पर मार्जिन ज्यादा ऋणात्मक बैठ रहा था इसलिए रिफाइनर्स ने इसका आयात घटा दिया।
दूसरी ओर सोयाबीन तेल का भाव पाम तेल की तुलना में अत्यन्त प्रतिस्पर्धी होने के कारण इसकी खरीद के प्रति भारतीय आयातकों का रुझान बढ़ गया। इसकी रिफाइनिंग का मार्जिन (पड़ता) भी घनात्मक था।
उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार दिसम्बर के मुकाबले जनवरी में क्रूड सोया तेल का आयात 24 प्रतिशत उछलकर 1.90 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है लेकिन फिर भी यह पिछले मार्केटिंग सीजन के औसत मासिक आयात 3.06 लाख टन से काफी कम है।
आगामी महीनों के तेल के सापेक्ष इसके प्रीमियम (ऊंचे भाव) में कमी आई है और इसका दाम घटकर प्रतिद्वंदी खाद्य तेलों के समकक्ष आ गया है। अर्जेन्टीना में सोयाबीन का शानदार उत्पादन होने की उम्मीद है।
जहां तक सूरजमुखी तेल का सवाल है तो समीक्षकों ने दिसम्बर के मुकाबले जनवरी में इसका आयात 19 प्रतिशत घटकर 2.11 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है जिसका प्रमुख कारण सामुद्रिक परिवहन खर्च (किराया) में भारी बढ़ोत्तरी होना बताया जा रहा है।
पाम तेल एवं सूरजमुखी तेल के आयात में गिरावट आने से जनवरी में खाद्य तेलों का कुल आयात घटकर 11.90 लाख टन के करीब रह जाने का अनुमान है जो दिसम्बर के आयात से 9.2 प्रतिशत कम है।