नई दिल्ली। Geofencing started on Delhi-Jaipur Highway: देश के दो प्रमुख मार्गों पर जल्द ही जीपीएस आधारित टोल सिस्टम शुरू होने जा रहा है। इसके तहत यात्री ने जितनी दूर की यात्रा की है, उतने का ही टोल भुगतान करना होगा। यह शुरुआत दिल्ली-जयपुर राजमार्ग (एनएच-48) और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे से होने जा रहा है। दोनों ही रूट्स पर इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और टोल की सटीक गणना के लिए दिल्ली-जयपुर हाई-वे की जियोफेंसिंग शुरू हो गई है।
सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में 18 लाख से अधिक वाणिज्यिक वाहन जीपीएस-आधारित ट्रैकिंग प्रणाली से सुसज्जित हैं। शुरुआती चरण में ऐसे वाहन जीपीएस आधारित टोल शुल्क का भुगतान करना शुरू कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि इस नए जीपीएस-आधारित टोलिंग सिस्टम को विभिन्न हिस्सों पर आजमाया जाएगा और धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा।
बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि नेशनल हाईवे को टोल प्लाजा से मुक्त करने की नई प्रणाली मार्च तक शुरू हो जाएगी।
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन ने भी कहा कि वे इसे लागू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जीपीएस सिस्टाम लागू करने पर सरकार गोपनीयता संबंधी चिंताओं सहित सभी मुद्दों पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर तक पूरा हो जाएगा इसी एक्सप्रेसवे का दिल्ली-सूरत हिस्सा अप्रैल तक पूरा हो जाएगा।
क्या है जियोफेंसिंग
जियोफेंसिंग सैटेलाइट आधारित एक प्रणाली है, जिसमें जीपीएस के जरिए एक विशेष क्षेत्र की वर्चुअल भौगोलिक सीमा बना दी जाती है। इस भौगोलिक दायरे में जो भी डिवाइस आएगी, वह रिकॉर्ड में आ जाएगी।जिसके आधार पर एक छोर से दूसरी छोर तक की दूरी की गणना की जाती है। इसी दूरी की गणना के आधार पर टोल का भुगतान करना होगा।